कोयले की भट्ठियों से संचालित ढाबे -रेस्टोरेंट निगम के निशाने पर

Press Release उत्तर प्रदेश

–चौदह इकाइयों पर कार्रवाई कर वसूला गया 3,3000 लाख का जुर्माना
–एनजीटी ने टीटीजेड क्षेत्र में कोयले के उपयोग पर लगा रखा है प्रतिबंध

आगरा, 22 जुलाई। कोयले की भट्ठियों का उपयोग करने वाले होटल,रेस्टोरेंट, ढाबे और पेठे उद्योग से जुड़ी इकाइयां अब नगर निगम के निशाने पर हैं। एनजीटी के आदेशानुसार टीटीजेड क्षेत्र में कोयले का उपयोग पूरी तरह से प्रतिबंधित हैं।
नियमों का उल्लंघन करने वाली इकाइयों के खिलाफ नगर निगम लगातार कार्रवाई कर रहा है। अतिक्रमण प्रभारी और पशु कल्याण अधिकारी डाक्टर अजय सिंह के अनुसार पहली अप्रैल से 19 जुलाई तक ही ताजगंज, हरीपर्वत, दरेसी और लाहामंडी क्षेत्र में ऐसी चौदह इकाइयों पर कार्रवाई की जा चुकी है जो कोयले की भट्ठियों का उपयोग कर रहे थे। उन्होंने बताया कि अब तक इन लोग से एनजीटी के तहत तीन लाख तीस हजार रुपये का जुर्माना वसूला जा चुका है।
नगर निगम स्तर से लगातार लोगों को बताया जा रहा कि उद्योगों के संचालन में कोयले का उपयोग प्रतिबंधित है। इसके बावजूद जो लोग नियमों का उल्लंघन कर रहे हैं उनके खिलाफ जुर्माने की कार्रवाई की जा रही है। ताजगंज के पंचवटी में दो, देहलीगेट हरीपर्वत क्षेत्र में चार, संजय प्लेस में दो और लोहामंडी में चार क्षेत्रों के अलावा दरेसी द्वोत्र मे ंएक स्थान पर कार्रवाई कर उक्त जुर्माना वसूला गया है।

—-कोयला जलाने से ये होता है नुकसान—

कोयला जलाने से जहरीला पारा निकलता है जो नदियों और नालों में बहता है। यही फिर हमारी खाद्य श्रृंखला में शामिल हो जाता है। दूषित मछली आदि खाने से ये हमारे शरीर में पहुंच जाता है। पारा एक न्यूरोटॉक्सिन है जो हमारे तंत्रिका तंत्र और मस्तिष्क को नुकसान पहुंचाता है। इसके जलाने से निकलने वाली कार्बन मोनो ऑक्साइड,सल्फरडाई ऑक्साइड,कार्बन डाईऑक्साइड और नाइट्रोजन डाईऑक्साइड गैसें स्वास्थ्य पर घातक असर डालती है।

—एनजीटी ने लगा रखी है इसके जलाने पर रोक—

आगरा एवं आसपास के क्षेत्रों में कोयले से होने वाले वायु प्रदूषण के मद्देनजर राष्ट्रीय हरित अधिकारण औद्योगिक इकाइयों में कोयले के उपयोग को पूरी तरह से प्रतिबंधित किया हुआ है। नियमों के उल्लंघन पर जुर्माने का प्रावधान किया गया है।

–एनजीटी की बैठक में अक्सर उठाया जाता है मुद्दा—

होटल, रेस्टारेंट और पेठा जेैसी औद्योगिक इकाइयों में कोयले के उपयोग का मुद्दा अक्सर उठाया जाता रहा है। कमिश्नर ने भी कोयले के उपयोग पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगाने का आदेश दिये हुए हैं।

वर्जन—-
नगर निगम शहरी क्षेत्र में एनजीटी के आदेशों का पालन कराने के लिए प्रतिबद्ध है। अगर किसी औद्योगिक इकाई में कोयला का उपयोग होता पाया जाएगा उसके विरुद्ध सख्त कार्रवाई की जाएगी।

नगर आयुक्त अंकित खंडेलवाल

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *