नई दिल्ली। भारतीय संसद के सदस्यों ने गुप्त मतदान के माध्यम से आज सीपी राधाकृष्णन के रूप में देश को नया उपराष्ट्रपति चुन लिया। सत्तारूढ़ एनडीए के प्रत्याशी सीपी राधाकृष्णन ने कुल 452 वोट हासिल किए, जो एनडीए के कुल मतों से भी 14 वोट ज्यादा हैं। इस प्रकार स्पष्ट है कि सत्तापक्ष विपक्षी खेमे में सेंध लगाने में सफल रहा। इंडिया गठबंधन के प्रत्याशी सुदर्शन रेड्डी को 300 वोट ही मिल सके जबकि 15 वोट अवैध घोषित हो गये।
एनडीए (राष्ट्रवादी जनतांत्रिक गठबंधन) के उम्मीदवार सी.पी. राधाकृष्णन देश के 17वें उप राष्ट्रपति होंगे। एनडीए के पास 438 वोट थे जबकि उसके प्रत्याशी राधाकृष्णन को इससे भी ज्यादा वोट मिले, जो 452 हैं।
इस चुनाव में 754 वोट वैध माने गये जबकि 15 अवैध घोषित कर दिये गये। राधाकृष्णन को प्रथम वरीयता में 452 वोट प्राप्त हुए, जो निर्वाचित घोषित होने के लिए आवश्यक सीट से कहीं अधिक थे। दूसरी ओर, इंडिया ब्लॉक के उम्मीदवार बी. सुदर्शन रेड्डी को 300 वोट प्राप्त हुए, जो राधाकृष्णन को मिले वोटों से 152 कम हैं। इन नतीजों के आधार पर राधाकृष्णन पहली वरीयता में ही आवश्यक आवश्यकता को पार कर गए, जिससे उन्हें निर्वाचित घोषित कर दिया गया।
यह चुनाव आज ही कराया गया। जगदीप धनखड़ के इस्तीफा देने के बाद यह पद खाली हो गया था। मतदान में एनडीए को स्पष्ट बढ़त थी, जिसके चलते राधाकृष्णन को निर्विरोध विजयी माना गया।
भारत के उपराष्ट्रपति चुनाव में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, कांग्रेस संसदीय दल की प्रमुख सोनिया गांधी, पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे और लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी समेत कुल 769 सांसदों ने मतदान किया। इस चुनाव में 98 प्रतिशत मतदान दर्ज हुआ।
मतदान प्रक्रिया दोपहर बाद पूरी हुई और शाम 5 बजे मतदान खत्म होने के एक घंटे बाद, 6 बजे से मतगणना का कार्य आरंभ किया गया।
चुनाव से पहले भाजपा ने अपनी जीत सुनिश्चित करने के लिए चरणबद्ध रणनीति बनाई। उत्तर प्रदेश के भाजपा सांसदों और केंद्रीय मंत्रियों की बैठक पीयूष गोयल के कार्यालय (वाणिज्य भवन) में आयोजित हुई। इसी तरह बिहार और झारखंड के सांसदों को लेकर केंद्रीय गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय के आवास पर बैठक हुई। महाराष्ट्र के सांसदों को केंद्रीय मंत्री भूपेंद्र यादव के आवास पर बुलाया गया, जहां उन्हें मतदान से पहले स्पष्ट दिशा-निर्देश दिए गए।
इन बैठकों में पार्टी नेताओं ने सभी सांसदों को मतदान की प्रक्रिया और वरीयता क्रम को लेकर जरूरी मार्गदर्शन दिया। रणनीति का नतीजा यह रहा कि मतदान में भाजपा और एनडीए का प्रदर्शन अपेक्षा के अनुरूप मजबूत रहा, जिसका असर नतीजों में साफ दिखाई दिया।