यूक्रेन में फंसे मेडिकल छात्रों के स्वजनों की चिंता बढ़ी

INTERNATIONAL उत्तर प्रदेश

आदित्य बघेल

आगरा । य़ूक्रेन में फंसे मेडिकल के छात्रों के स्वजनों की चिंता अब बढ़ने लगी है । तीन दिन के प्रयास के बावजूद ये छात्र चाहकर भी यूक्रेन की सीमा से बाहर नहीं निकल पा रहे हैं । हालांकि आगरा के जिला प्रशासन द्वारा भी इनके स्वजनों को दिलासा दी गयी है ।

डेनीप्रो विश्व विद्यालय डेनीप्रो सिटी में फंसे आदित्य बघेल एसबीबीएस चतुर्थ वर्ष के छात्र हैं। उनके पिता ईदगाह कालोनी निवासी धर्मेंद्र बघेल ने रविवार को शाम ही अपने बेटे से बात की । उसने बताया कि वे लगभग 70-75 की संख्या में भारतीय बच्चे हैं । जो तनाव में हैं । उनके साथ के सैकड़ों छात्र तो पहले से ही निकल गए हैं लेकिन वे रोमानिया बोर्डर पर फंसे हुए हैं। इसके बावजूद वे भी सोमवार को सुबह एक बस लेकर रोमानिया, हंगरी या स्लोवाकिया के बार्डर पर जाएंगे। जहां से वे अगर इन देशों में प्रवेश पा जाते हैं तो अपने आप को सुरक्षित तो महसूस करेंगे। अभी वे यूक्रेन के मिडिल में स्थित डेनीप्रो सिटी में हैं। लेकिन वहां भी सुरक्षित महसूस नहीं कर रहे हैं। आदित्य के पिता ने बताया कि अब ज्यों-ज्यों समय बीतता जा रहा है। उनके स्वजनों की चिंता बढ़ती जा रही है। वे भारत सरकार से भी लगातार गुहार लगा रहे हैं कि किसी तरह उनके बच्चे को सुरक्षित आगरा पहुंचा दिया जाए । श्री बघेल ने बताया कि तहसील के अधिकारी उनके घर आए थे। उन्होंने भी पूरी सहायता देने का आश्वासन दिया है। इसी तरह आगरा और आसपास के और भी छात्र हैं, जोकि यूक्रेन में फंसे हुए हैं।

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