बीजेपी ने हिमाचल प्रदेश के मंडी लोकसभा सीट से कंगना को टिकट दिया है और सुप्रिया श्रीनेत के इंस्टाग्राम अकाउंट से कंगना रनौत की एक तस्वीर के साथ कुछ भद्दी बातें लिखी गईं। हालांकि जैसे ही इस पर विवाद हुआ तो सुप्रिया श्रीनेत ने ये पोस्ट हटा लिया, लेकिन उससे पहले ही सुप्रिया निशाने पर आ गईं। कंगना रनौत ने ट्वीट करके सुप्रिया श्रीनेत को जवाब दिया।
लोकतांत्रिक राजनीति में पर्सेप्शन (धारणा) का बहुत महत्व होता है। जनता का बड़ा वर्ग किसी मुद्दे को सही मानता है या गलत, इस पर पार्टियों और नेताओं का भविष्य तय होता है। फिर पर्सेप्शन बनने-बिगड़ने का खेल भी बहुत निराला है। इसी मामले में देख लीजिए। सुप्रिया श्रीनेत की बेहद अपमानजनक और बिल्कुल भद्दी टिप्पणी पर कंगना ने आपा नहीं खोया।
उन्होंने बेहद सधे अंदाज में जवाब दिया। ध्यान रहे कि कंगना की छवि बेहद मुखर और जुझारू महिला की है। फिर भी उन्होंने सुप्रिया के नाम के साथ ‘जी’ लगाकर उन्हें डीयर (प्रिय) कहा। कंगना ने लिखा, ‘प्रिय सुप्रिया जी, एक कलाकार के रूप में मैंने बीते 20 वर्षों के कैरियर में हर तरह की महिला की भूमिका निभाई- क्वीन में बेहद भोली लड़की से लेकर धाकड़ में एक मोहक जासूस तक, मणिकर्णिका में एक देवी से लेकर चंद्रमुखी में एक दुष्टात्मा तक और रज्जो में एक वेश्या से लेकर थलाइवी में एक क्रांतिकारी नेता तक।’
वो आगे लिखती हैं, ‘हमें अपनी बेटियों को पूर्वग्रहों की बेड़ियों से मुक्त करना ही चाहिए, हमें उनके शारीरिक अंगों के प्रति उत्सुकता प्रदर्शित करने से ऊपर उठना ही होगा और सबसे बड़ी बात कि हमें वेश्याओं की चुनौतीपूर्ण जिंदगियों या कठिन परिस्थितियों को किसी तरह के हीनता भाव या बदनामी की नजर से देखने से बचना होगा… हर महिला सम्मान की हकदार है।’
सुप्रिया को बीजेपी नेताओं ने भी खूब घेरा। केंद्रीय मंत्री स्मृति इरानी ने लिखा, ‘कंगना की राजनीति में यह शुरुआत इस बात का प्रतिबिंब नहीं है कि आप कौन हैं, बल्कि इस बात का प्रतीक है कि उन्होंने क्या किया है और आगे भी करने में सक्षम हैं। और वे समझ नहीं पा रही हैं कि स्टील जैसी महिलाओं के साथ कैसे व्यवहार किया जाए। जीत की ओर बढ़ें। विजयी भव!’
सुप्रिया श्रीनेत अब सफाई दे रही हैं लेकिन इससे बात नहीं बनेगी क्योंकि उनके सोशल मीडिया अकाउंट से कंगना रनौत के बारे में जिस तरह का कमेंट किया गया उसे किसी भी तरह से जस्टिफाई नहीं किया जा सकता। ये गलत था और सुप्रिया श्रीनेत की ये गलती कांग्रेस को भारी पड़ सकती है। हालांकि ये सही है कि कंगना और विवाद अक्सर साथ साथ चलते हैं। अभी सियासत में उनकी एंट्री हुई है। मंडी सीट पर जो समीकरण है, उन्हें देखकर लगता है कि मोदी के नाम पर कंगना जीत तो जाएंगी पर उसके बाद भी विवाद खड़े होते रहेंगे । क्योंकि वो बोलने में कभी पीछे नहीं रहतीं।
– एजेंसी