द्वारिका प्रसाद माहेश्वरी की प्रतिमा का अनावरण मुख्य सचिव ने किया

उत्तर प्रदेश स्थानीय समाचार

एलएस बघेल, आगरा। सूरज निकला, चिड़िया बोली। कक्षा एक की किताब की कविता मुझे आज तक याद है। ये कहना है उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिव दुर्गाशंकर मिश्र का। वे  सोमवार को यहां द्वारिका ग्रीन  कालोनी, रोहता में प्रख्यात कवि स्व. श्री द्वारिका प्रसाद माहेश्वरी की प्रतिमा का अनावरण कर रह थे। उन्होंने श्री माहेश्वरी की कई कविताओं के बोल सुनाए। जिनमें ताली-काली कू-कू करती। वीर तुम बढ़े चलो आदि।

आज दोपहर वे इस कालोनी में पहुंचे। सबसे पहले श्री माहेश्वरी के पुत्र डा. विनोद माहेश्वरी व उनके स्वजनों ने पुष्पगुच्छ भेंटकर उनका स्वागत किया। तत्पश्चात उन्होंने स्व. माहेश्वरी की प्रतिमा का अनावरण किया। इसके बाद कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि जिस तरह तुलसीदास द्वारा रचित रामचरित मानस हर घर में पायी जाती है, उसी तरह बच्चों के गांधी द्वारिका प्रसाद माहेश्वरी द्वारा लिखित कविताएं सभी को याद हैं। आगरा के जिलाधिकारी के रूप अपने कार्यकाल को याद करते हुए श्री मिश्र ने कहा कि नवंबर 1996 में मैंने आगरा के डीएम का पदभार संभाला था। उसके कुछ दिन बाद ही मेेरी मुलाकात श्री द्वारिका प्रसाद माहेश्वरी से हुई थी। सतत शिक्षा के एक कार्यक्रम में 11 वें गाने के रूप में श्री माहेश्वरी द्वारा रचित गाना बच्चों ने गाया था कोटि-कोटि कंठ से.. जिसे उन्होंने स्वयं भी गाया था। श्री मिश्र ने कहा कि मुझे खुशी हो रही है कि उनकी प्रतिमा के अनावरण का सौभाग्य मिला । उन्होंने होम्योपैथिक चिकित्सक राधेश्याम पारीक की भी प्रशंसा की। समारोह की अध्यक्षता स्वतंत्रता सेनानी श्रीमती सरोज गौरिहार ने की। इस अवसर पर प्रमुख समाजसेवी पूरन डाबर, शारदा ग्रुप के वाइस चेयरमैन वाई के गुप्ता, श्री ज्ञानप्रकाश आदि मौजूद रहे। आयोजक डा. विनोद माहेश्वरी ने मुख्यअतिथि को प्रतीक चिन्ह भेंट किया।

इस अवसर पर मुख्य सचिव ने कहा कि ताजनगरी को स्मार्ट सिटी के रूप में अंगीकृत किया गया है। यह आगरा वासियों के लिए सौभाग्य की बात है। उन्होंने आह्वान किया कि आगरा को दुनियां का खूबसूरत शहर बनाएं। जिससे कि देश-दुनियां से ताजमहल देखने आने वाले पर्यटक शहर की खूबसूरती को भी सराहें। आगरा के दौरे के समय वे ताज नेचर वाक जाना नहीं भूलते हैं। क्योंकि इसको उनके जिलाधिकारी के कार्यकाल के दौरान उन्होंने स्वयं ही विकसित कराया था। आज भी वे ताज नेचर वाक गए थे। उन्होंने पर्यटन के बढ़ावे के संबंध में भी एक बैठक आगरा में की।

 

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