लोकतंत्र की अदालत में पत्रकारों पर अब रात का फैसला?
क्या आपने कभी सोचा था कि एक रात को आपके घर के दरवाज़े पर कोई दस्तक दे और कहे कि अब से आपके बोलने की आज़ादी नहीं रही? क्या आपने सोचा था कि देश की अदालतें अब रात के अँधेरे में भी फैसला सुना सकती हैं? क्या अदालत में बिना आपके सुने, बिना नोटिस दिए, […]
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