हार्ट अटैक से अधिक कई मामलों में कार्डियक अरेस्ट खतरनाक होता है जिससे व्यक्ति का दिल एकदम से काम करना बंद कर देता है और उसकी ऑन द स्पॉट मौत हो जाती है. आजकल ऐसे बहुत से उदाहरण रोज ब रोज देखने को मिल रहे हैं कि लोग काम करते करते मौत के आगोश में चले जाते हैं.
हार्ट अटैक और कार्डियक अरेस्ट में अंतर होता है, जिसे लोग अक्सर एक ही समझ लेते हैं वास्तव में इनमें अंतर होता है और कार्डियक अरेस्ट को हार्ट अटैक से ज्यादा खतरनाक बताया जाता है जानते हैं कैसे-
दरअसल जब कोलेस्ट्रॉल और हाई बीपी की वजह से हार्ट तक खून नहीं पहुंच पाता और हार्ट को खून को पंप करने के लिए दोगुनी क्षमता का इस्तेमाल करना पड़ता है तो ऐसी स्थिति में हार्ट अटैक आता है जिसमें सीने में तेज दर्द होना और हाथ का सुन्न होना जैसे लक्षण दिखाई देते हैं ऐसे में व्यक्ति के पास अस्पताल जाने का समय होता है जहां तुरंत इलाज मिलने पर व्यक्ति की जान बचाई जा सकती है.
कार्डियक अरेस्ट की स्थिति में हार्ट अचानक से काम करना बंद कर देता है और व्यक्ति मर सकता है. 80 प्रतिशत मामलों में कार्डियक अरेस्ट आने की वजह हार्ट अटैक ही होता है तुरंत सीपीआर देकर कार्डियक अरेस्ट की स्थिति में दिल को फिर से रिवाइव किया जा सकता है और व्यक्ति के पास अस्पताल ले जाने तक का समय होता है लेकिन अगर व्यक्ति को तुरंत सीपीआर न दिया जाए तो व्यक्ति हार्ट डेड होने की स्थिति में तुरंत मर जाता है.
कार्डियक अरेस्ट के लक्षण
– कार्डियक अरेस्ट आने से पहले मरीज की दिल की धड़कन अचानक से काफी तेज हो जाती है और उसे सांस लेने में परेशानी आना शुरू हो जाती है.
– पल्स और ब्लड प्रेशर रूक जाता है
– दिमाग और शरीर के बाकी हिस्सों तक भी खून नहीं पहुंच पाता .
– शरीर एकदम से ठंडा पड़ने लगता है और व्यक्ति अपना भार नहीं संभाल पाता और गिर जाता है.
कार्डियक अरेस्ट से बचने के उपाय
– रोजाना एक घंटे की सैर करें.
– वजन न बढ़ने दें.
– ब्लड प्रेशर को कंट्रोल में रखें.
– बाहर के खाने और जंक फूड का सेवन कम करें.
– खाने में हरी सब्जियां और साबुत अनाज को शामिल करें
– स्ट्रेस न लें
– नींद पूरी करें
– नियमित जांच कराते रहें.
– एजेंसी