पर्यावरण प्रेमियों की मुहिम रंग लाई, Save Jageshwar अभियान सफल, सीएम धामी ने स्थगित क‍िया देवदार के 1000 पेड़ काटने का निर्णय

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देहरादून। उत्तराखंड के जागेश्वर धाम में सड़क के चौड़ीकरण के लिए भगवान श‍िव स्ववरू माने जाने वाले देवदार के 1000 पेड़ काटे जाने के मामले में सीएम पुष्कर स‍िंह धामी ने संज्ञान लेते हुए फ‍िलहाल इसे स्थग‍ित करने का न‍िर्णय ल‍िया है। गौरतलब है क‍ि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ड्रीम प्रोजेक्ट जागेश्वर धाम के सौंदर्यीकरण के लिए आरतोला से जागेश्वर धाम तक सड़क का चौड़ीकरण करना है। स्थानीय लोग और पर्यावरण प्रेमी इसका विरोध कर रहे हैं। अब मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने अधिकारियों को दोबारा सर्वे कराने के निर्देश दिए हैं।

पीएम मोदी का ड्रीम प्रोजेक्ट

इन पेड़ों को बचाने के लिए सोशल मीडिया पर #savejageshwar नाम की मुहिम भी चल रही है। पीएम मोदी के ड्रीम प्रोजेक्ट जागेश्वर धाम के सौंदर्यीकरण को लेकर आरतोला से जागेश्वर धाम तक सड़क का चौड़ीकरण किया जाना है। जिसके लिए एक हजार देवदार के पेड़ों का काटा जा रहा है। जिसका ग्रामीण लगातार विरोध कर रहे थे। लेकिन अब खबर सामने आ रही है कि,इस मामले का सीएम धामी ने खुद संज्ञान लिया है और अधिकारियों को दोबारा सर्वे करने के निर्देश दिए हैं।

काटे जाने थे देवदार के 1000 पेड़

सीएम धामी ने जागेश्वर में मास्टर प्लान के तहत सड़क चौड़ीकरण कार्य में पेड़ों के संभावित कटान के मामले में दोबारा सर्वे कराए जाने के निर्देश अधिकारियों को दिए हैं। बता दें कि,जागेश्वर धाम में सड़क चौड़ीकरण को देवदार के 1000 पेड काटे जाने प्रस्तावित हैं। जिसके लिए पेड़ों पर निशान लगाने की प्रक्रिया को भी पूरा कर लिया गया था। ग्रामीण लगातार इसका विरोध कर रहे थे। सीएम के निर्देश के बाद से लोगों के बीच इसे लेकर उम्मीद जगी है।

वन विभाग ने किया था पेड़ों को चिह्नित

आपको बता दें ! जागेश्वर में पेड़ काटे जाने का मामला बहुत पहले से हीं गरमाया हुआ है। जिसके तहत सोशल मीडिया पर सेव जागेश्वर की मुहिम चल रही है। ये मुद्दा तब और गरमाया जब वन विभाग ने सर्वे पूरा कर एक हजार पेड़ों को काटने की प्रक्रिया के तहत एक हजार पेड़ों को चिह्नित कर उन पर नंबर डाल दिया था। जिसके बाद स्थानीय लोगों ने इसका विरोध किया।

पेड़ों का है भगवान शिव से संबंध

लोगों का कहना है कि वो किसी भी कीमत पर इन पेड़ों को नहीं कटने देंगे क्योंकि इनके साथ उनकी आस्था जुड़ी हुई है। यहाँ के स्थानीय हिंदू मान्यताओं के अनुसार,देवदार को देवदारु भी कहा जाता है। इसका मतलब होता है भगवान की लकड़ी। मान्यता है की देवदार के पेड़ों में भगवान शिव का निवास स्थान होता है। इसके अलावा इन देवदार के पेड़ों की तुलना शिव की जटाओं से भी की जाती है। लोगों की इनके प्रति गहरी आस्था है। इस मामले में जागेश्वर धाम के मुख्य पुजारी हेमंत भट्ट ने कहा कि,पेड़ों को किसी भी कीमत पर नहीं कटने देंगे। इसके साथ ही स्थानीय लोगों का भी कहना है कि,वो इन पेड़ों को किसी भी कीमत पर नहीं कटने देंगे।

– एजेंसी

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