लखनऊ। उत्तर प्रदेश के शहरी क्षेत्रों में स्थित कृषि की जमीन को लेकर योगी आदित्यनाथ सरकार ने अहम फैसला लिया है। इसके तहत अब से खेती की जमीन पर बिना इजाजत के किसी भी तरह का निर्माण नहीं किया जा सकता है। योगी सरकार ने शहरों में स्थित कृषि भूमि पर अवैध तरीके से हो आवासीय और व्यवसायिक निर्माण को देखते हुए ये फैसला लिया है।
यूपी सरकार के प्रमुख सचिव आवास पी गुरुप्रसाद ने इससे संबंधित आदेश जारी कर दिया है। इस शासनादेश में स्पष्ट तौर पर कहा गया है कि कृषि भूमि पर किसी भी तरह के निर्माण से पहले संबंधित विकास प्राधिकरण से एनओसी लेना अनिवार्य किया गया है। ऐसे में बिना अनुमति के निर्माण कार्य को तत्काल रोकने के आदेश भी दिए गए हैं।
शासनादेश में कहा गया है कि इस संबंध में साल 2022 में भी शासन से एक आदेश जारी किया गया था लेकिन, मंडलायुक्त और जिलाधिकारियों के द्वारा इस पर कड़ाई से पालन नहीं किया गया। अब से विकास प्राधिकरण और विशेष विकास क्षेत्र के तहत स्थित कृषि भूमि का उपयोग अगर खेती की जगह किसी के लिए किया जा रहा है तो इसके लिए पहले अनुमति लेना आवश्यक होगा।
प्राधिकरण ने ये फैसला खेती की जमीन पर तेजी से हो अवैध आवासीय और व्यवसायिक निर्माण को देखते हुए लिया है। इस आदेश से भूमाफियों पर लगाम लगाई जा सकेगी और प्राधिकरण क्षेत्रों में हो रहे अवैध निर्माण पर रोक लगाई जा सकेगी। आदेश के मुताबिक जिलाधिकारी और मडंलायुक्त को कृषि भूमि पर निर्माण से पहले अनुमति देने के लिए पहले प्राधिकरण के एनओसी को चेक करना जरूरी होगा।
अगर एनओसी नहीं मिल पाया है तो ऐसी स्थिति में निर्माण को इजाजत नहीं दी जाएगी। प्रदेश में हो रहे अवैध निर्माण को देखते हुए योगी सरकार के इस आदेश को बेहद अहम माना जा रहा है।