राष्ट्रीय लोक दल के उपाध्यक्ष शाहिद सिद्दीकी ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है. सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर अपने इस्तीफे की जानकारी देते हुए उन्होंने लिखा, ”मैंने अपना त्यागपत्र राष्ट्रीय लोक दल के अध्यक्ष माननीय जयंत चौधरी को भेज दिया है. मैं ख़ामोशी से देश के लोकतांत्रिक ढाँचे को समाप्त होते नहीं देख सकता. आज जब भारत के संविधान और लोकतांत्रिक ढांचा ख़तरे मैं है ख़ामोश रहना पाप है.”
“मैं जयंत जी का आभारी हूं पर भारी मन से आरएलडी से दूरी बनाने के लिए मजबूर हूं. भारत की एकता,अखंडता विकास और भाईचारा सर्वप्रिय है. इसे बचाना हर नागरिक की ज़िम्मेदारी और धरम है. धन्यवाद!”
सिद्दीकी ने कहा कि कल मैंने रालोद के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष पद और उसकी सदस्यता से इस्तीफा दे दिया। मैं और मेरा परिवार इंदिरा के आपातकाल के खिलाफ खड़े हुए थे और आज उन सभी संस्थानों को कमजोर होते हुए चुपचाप नहीं देख सकते, जिन्होंने एकजुट होकर भारत को दुनिया के महान देशों में से एक बनाया है।
कल मैं ने राष्ट्रीय लोक दल की सदस्यता और राष्ट्रीय उपाध्यक्ष की पोस्ट से अपना तियागपत्र राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री जयंत सिंह जी को भेज दिया है । आज जब भारत के संविधान और लोकतांत्रिक ढाँचा ख़तरे मैं है ख़ामोश रहना पाप है । मैं जयंत जी का आभारी हूँ पर भारी मन से आरएलडी से दूरी बनाने…
— shahid siddiqui (@shahid_siddiqui) April 1, 2024
आज जब भारत के संविधान और लोकतांत्रिक ढांचा खतरे में है, खामोश रहना पाप है
सिद्दीकी ने कहा कि आज जब भारत के संविधान और लोकतांत्रिक ढांचा खतरे में है। खामोश रहना पाप है। मैं जयंत जी का आभारी हूं, पर भारी मन से आरएलडी से दूरी बनाने के लिए मजबूर हूं। भारत की एकता, अखंडता विकास और भाईचारा सर्वप्रिए है। इसे बचाना हर नागरिक की जिम्मेवारी और धरम है।
-एजेंसी