र‍िटायर होने से पहले जिला जज अजय कुमार विश्वेश ने दिए ज्ञानवापी केस में कई महत्वपूर्ण फैसले

State's

वाराणसी के जिला जज डॉ. अजय कृष्ण विश्वेश आज रिटायर हो रहे हैं , इससे पहले उन्होंने ज्ञानवापी में व्यासजी तहखाने में पूजा-पाठ के अधिकार को लेकर दायर की गई याचिका पर बड़ा फैसला सुनाया और हिंदू पक्ष को पूजा-पाठ का अधिकार दे दिया.

ज्ञानवापी जैसे अहम केस की सुनवाई करने के चलते जिला जज डॉ. अजय कुमार विश्वेश की सुरक्षा पर भी विशेष ध्यान दिया गया है. इनकी सिक्योरिटी में यूपी पुलिस के करीब 10 जवान तैनात रहते हैं. इनके साथ पुलिस एस्कॉर्ट की दो गाड़ियां भी चलती हैं, ताकि किसी प्रकार का कोई खतरा न रहे.

दरअसल ज्ञानवापी के व्यासजी तहखाने में पूजा-पाठ के अधिकारी को लेकर जिला जज की अदालत में 2016 में याचिका डाली गई थी. इसी याचिका पर जिला जज डॉ. अजय कृष्ण विश्वेश की कोर्ट में 30 जनवरी को इस केस में दोनों पक्षों की बहस पूरी हुई थी. 31 जनवरी को जिला जज डॉ. अजय कृष्ण विश्वेश ने हिंदू पक्ष को व्यासजी के तहखाने में पूजा-पाठ का अधिकार हिंदू पक्ष को दे दिया.

वाराणसी के जिला जज डॉ. अजय कुमार विश्वेश उत्तराखंड के हरिद्वार के रहने वाले हैं. इनका जन्म साल 1964 में हरिद्वार में ही हुआ था. डॉ. अजय कुमार विश्वेश ने विज्ञान से ग्रेजुएशन करने के बाद कानून की पढ़ाई की. इन्होंने साल 1984 में LLB और 1986 में LLM किया है. डॉ. अजय कुमार विश्वेश ने साल 1990 में उत्तराखंड के कोटद्वार के मुंसिफ कोर्ट से अपने करियर की शुरुआत की थी.

वाराणसी का जिला जज बनने से पहले डॉ. अजय कुमार विश्वेश बुलंदशहर के जिला जज रह चुके हैं. यही नहीं सहारनपुर और प्रयागराज (तब इहालाबाद) में भी बतौर जिला जज अपनी जिम्मेदारी निभाई है. जिला जज बनने से पहले डॉ. अजय कुमार विश्वेश ने प्रदेश के कई जिलों में न्यायिक पदों पर रहते हुए अपनी जिम्मेदारियां निभाई हैं. वाराणसी में जब से इन्होंने ज्ञानवापी केस की सुनवाई शुरू की, तभी से यह सुर्खियों में आ गए.

जिला जज ने ज्ञानवापी केस में दिए कई महत्वपूर्ण फैसले

जिला जज डॉ. अजय कुमार विश्वेश की वाराणसी में तैनाती 21 अगस्त 2021 को हुई थी. 31 जनवरी 2024 यानि आज उनका रिटायरमेंट है. पिछले दो सालों में डॉ. अजय कुमार विश्वेश ने ज्ञानवापी केस में कई बड़े फैसले दिए हैं.

जैसे- ASI सर्वे, ऑर्डर सेवन रुल इलेवन का फैसला यानी कि श्रृंगार गौरी के मामले की पोषनीयता पर फैसला, व्यासजी के तहखाने को DM वाराणसी को सौंपने का फैसला देना, ASI सर्वे की रिपोर्ट पक्षकारों को सौंपने का आदेश देना और व्यासजी के तहखाने में हिंदू पक्ष को पूजा-पाठ का अधिकार देने का ऐतिहासिक आदेश देने जैसे महत्वपूर्ण निर्णय दिए गए हैं.

– एजेंसी

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *