दुख में सुख से जीने की कला” का मिनी बुक लॉन्च वर्ल्ड दिल्ली बुक फेयर 2025 में

Press Release

दिल्ली, 05 फ़रवरी: वर्ल्ड दिल्ली बुक फेयर 2025 में हिंदी साहित्य प्रेमियों के लिए एक खास अवसर आने वाला है, जब मशहूर लेखक Mr. Rakesh Kumar अपनी बहुप्रतीक्षित पुस्तक “दुख में सुख से जीने की कला” का मिनी बुक लॉन्च करेंगे। यह कृति जीवन के संघर्षों के बीच संतुलन बनाते हुए सकारात्मकता को बनाए रखने की कला सिखाती है। यह पुस्तक उन पाठकों के लिए एक मार्गदर्शक साबित होगी जो कठिन परिस्थितियों में भी आशा और आनंद के साथ जीना चाहते हैं।

पुस्तक का सार

“दुख में सुख से जीने की कला” एक प्रेरणादायक कृति है, जो आत्मीय संस्मरणों के माध्यम से जीवन के जटिल पहलुओं को सरलता से प्रस्तुत करती है। Mr. Rakesh Kumar ने इसमें व्यक्तिगत अनुभवों, सामाजिक मूल्यों, योग, आध्यात्मिकता और भारतीय संस्कृति के तत्वों को मिलाकर एक प्रभावी मार्गदर्शन प्रदान किया है। पुस्तक का प्रत्येक पृष्ठ जीवन में संघर्ष, प्रेम, विश्वास और आत्म-मंथन को दर्शाते हुए पाठकों को गहरी सोच में डालता है।

यह कृति केवल एक आत्मकथात्मक यात्रा नहीं है, बल्कि यह पाठकों को आत्म-विश्लेषण करने और विपरीत परिस्थितियों में भी सकारात्मक दृष्टिकोण बनाए रखने की प्रेरणा देती है। पुस्तक में जहां एक ओर मथुरा, जबलपुर और दिल्ली के सांस्कृतिक वैभव का सुंदर वर्णन है, वहीं दूसरी ओर, हृदय रोग जैसी गंभीर बीमारी से जूझते हुए जीवन में संतुलन बनाए रखने का मार्मिक चित्रण भी किया गया है। लेखक ने अपने शब्दों से यह दर्शाया है कि किस प्रकार असाध्य रोग, अस्पताल की असुविधाएं और समय का क्रूर व्यतीत होना भी जीवन की ऊर्जा को समाप्त नहीं कर सकता।

लेखक परिचय: Mr. Rakesh Kumar

Mr. Rakesh Kumar एक प्रभावशाली व्यक्तित्व विकास विशेषज्ञ और लेखक हैं। उनका जन्म और पालन-पोषण मथुरा की समृद्ध संस्कृति और संस्कारों में हुआ। उन्होंने अपने करियर में निगमित क्षेत्र में शीर्ष पदों पर कार्य किया है, लेकिन समाज और व्यवसाय जगत को और बेहतर बनाने के लिए वे निरंतर प्रयासरत हैं। पिछले 35 वर्षों से योगाभ्यास और अध्यात्म में गहरी रुचि रखने वाले Mr. Kumar सामाजिक, आध्यात्मिक और राष्ट्रीय महत्व के विषयों पर बेबाकी से लिखते हैं। उनकी रचनाएँ देश-विदेश में व्यापक रूप से पढ़ी और सराही जाती हैं।

उनकी पूर्व प्रकाशित पुस्तक “देसी मैनेजर” हिंदी, अंग्रेजी सहित नौ भारतीय भाषाओं में उपलब्ध है और प्रबंधन जगत में एक चर्चित कृति रही है। “दुख में सुख से जीने की कला” उनकी नवीनतम कृति है, जिसमें वे पाठकों को यह सिखाने का प्रयास कर रहे हैं कि जीवन की&nb

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