समस्त होटल/रेस्टोरेंट/डिस्को क्लब/रुफ टॉप व अन्य में आयोजित किये जाने वाले मनोरंजन कार्यक्रम, जिला मजिस्ट्रेट की पूर्वानुमति प्राप्त किये बिना नहीं होगे संचालित

Press Release उत्तर प्रदेश

क्रिसमस पर्व एवं नववर्ष की पूर्व संध्या पर मनोरंजन कार्यक्रम के संचालन से पूर्व विभागीय पोर्टल पर करना होगा आवेदन

आगरा.24.12.2024/क्रिसमस तथा 31 दिसम्बर को नव वर्ष की पूर्व संध्या पर जनपद के समस्त होटल/रेस्टोरेंट/डिस्को क्लब/रुफ टॉप व अन्य में आयोजित किये जाने वाले मनोरंजन कार्यक्रम, उत्तर प्रदेश चलचित्र (विनियमन) अधिनियम, 1955 के अन्तर्गत मनोरंजन की परिभाषा से अच्छादित है, ऐसे कार्यक्रमों के आयोजन/संचालन से पूर्व वर्णित अधिनियम के अनुसार “कोई मनोरंजन, जिस पर कर उग्रहणीय हो, चाहे वह कर भुगतान मनोरंजन करने के दायित्व से मुक्त हो या न हो, जिला मजिस्ट्रेट की पूर्वानुमति प्राप्त किये बिना आयोजित/संचालित नहीं किया जाएगा“। 01 जुलाई 2017 से माल एवं सेवा कर (जीएसटी) की व्यवस्था लागू होने के कारण मनोरंजन कर के स्थान पर माल एवं सेवा कर (जीएसटी) देय है।
जिला मजिस्ट्रेट ने समस्त होटल/रेस्टोरेंट/डिस्को क्लब/रुफ टॉप व अन्य आदि में मनोरंजन कार्यक्रम आयोजित किये जाने वाले स्वामियों को सूचित किया है कि क्रिसमस पर्व एवं नववर्ष की पूर्व संध्या पर मनोरंजन कार्यक्रम के संचालन किए जाने से पूर्व विभागीय ऑनलाइन पोर्टल www.up-gst.com/entertainmenttax/ पर आवेदन के साथ ही पोर्टल पर वर्णित आवश्यक अनापत्तियां एवं अभिलेख अपलोड किये जायेंगे। अनापत्तियां एवं अभिलेखों का परीक्षण करने के उपरान्त पूर्व मनोरंजन कार्यालय की आख्या के साथ वांछित अनुमति हेतु जिला मजिस्ट्रेट महोदय को पत्रावली अग्रसारित की जायेगी। उपरोक्त प्रक्रिया में किसी भी प्रकार की कोई समस्या या बाधा उत्पन्न होती है तो कार्यालय सहायक मनोरंजन कर आयुक्त, कलैक्ट्रेट, आगरा से संपर्क कर सकते हैं।
जिला मजिस्ट्रेट द्वारा उपरोक्त के संदर्भ में समस्त होटल/रेस्टोरेंट/डिस्को क्लब/रुफ टॉप एवं अन्य आदि को निर्देशित किया गया है कि अपने परिसर में किसी भी मनोरंजन कार्यक्रम किये जाने से पूर्व उक्त विहित प्रक्रिया का पूर्णतः पालन करते हुए अधोहस्ताक्षरी की अनुमति प्राप्त कर ही कार्यक्रम का आयोजन करेंगे, बिना पूर्वानुमति प्राप्त किये, उक्त वर्णित अधिनियम की धारा-8 के अन्तर्गत दण्डनीय अपराध है, जिसके लिए 06 माह के कारावास अथवा अधिकतम रु0 20 हजार का अर्थदण्ड अथवा दोनों किये जाने का प्राविधान है।

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