लखनऊ। समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने मनरेगा के नाम परिवर्तन और केंद्र सरकार की नीतियों को लेकर तीखा हमला बोला है। उन्होंने सोशल मीडिया पर लिखा कि जिनके भीतर आत्मा नहीं होती, वे न महात्मा में विश्वास करते हैं और न ही परमात्मा में।
अखिलेश यादव ने कहा कि जिन पूजनीय महात्मा गांधी ने जीवन भर सत्य की लड़ाई लड़ी, उन्हें वे नकारात्मक लोग कैसे स्वीकार कर सकते हैं, जिनकी राजनीति झूठ पर टिकी है। उनके मुताबिक यह संघर्ष ‘सत्य के प्रयोग’ करने वालों और ‘असत्य का दुरुपयोग’ करने वालों के बीच का है।
सपा प्रमुख ने आरोप लगाया कि जिन्होंने ‘राम-नाम’ को शक्ति माना, उन्हीं का नाम मिटाकर आज रामराज्य लाने का दावा किया जा रहा है, जबकि सच्चाई यह है कि ऐसे लोग निरंतर पतन की ओर बढ़ रहे हैं। उन्होंने कहा कि मनरेगा में राज्यों पर खर्च का बोझ बढ़ाकर भाजपा गरीब विरोधी रवैया अपना रही है और इस ग्रामीण आजीविका योजना को अंदर ही अंदर खत्म करने की कोशिश कर रही है।
अखिलेश यादव ने यह भी याद दिलाया कि भाजपा के नेता पहले ही मनरेगा को ‘स्मारक’ बता चुके हैं, जिससे सरकार की मंशा साफ झलकती है। उन्होंने देशवासियों की नाराजगी का जिक्र करते हुए कहा कि लोग पूछ रहे हैं कि कहीं कोई ‘महात्मा’ शब्द अपने लिए बचाकर तो नहीं रखना चाहता।
इस बयान के साथ अखिलेश यादव ने मनरेगा के नाम परिवर्तन का विरोध करते हुए सरकार पर गरीबों और ग्रामीण रोजगार के खिलाफ कदम उठाने का आरोप दोहराया।
