आगरा रामलीला महोत्सव: देहरी पूजन के साथ राजा दशरथ के यहां शुरु हुए राम विवाह के मंगल कार्य

Press Release

ढोलक और मंजीरों संग गूंज रहे मंगल गीत

रानी कौशल्या ने देहरी पूजन के बाद ननदों को दिए उपहार

घर में छायी उत्सव की उमंग और खुशियां

आगरा। रानी कौशल्या की ननदों कामना व नुपुर ने देहरी पूजन कर आज राजा दशरथ के निवास पर श्रीराम के मंगल कार्यों का शुभारम्भ किया। विधि विधान के साथ देहरी पर हल्दी से स्वास्तिक व आटे से चैक पूर कर शुभ कार्यों का शुभारम्भ किया। रानी कौशल्या ललिता शर्मा ने नेग स्वरूप दोनों ननदों को उपहार भेंट किए। देहरी पूजन के उपरान्त अयोध्या नगरी की सभी सखियों ने मिलकर मंगल गीत गाए और खूब नृत्य किया।

शंकर पार्वती के आंगन गजानन झूलो पलना…, रानी कौशल्या के लाल हुए, सुमित्री जच्चा बनी…, कौशल्या मुड़-मुड़ देखे पलना, यो गोरा-गोरा किस पे गया मेरा ललना…, जैसे गीतों में जहां श्रीराम जन्म की खुशियां बिखरती नजर आयी वहीं सियाराम के विवाह के मंगल गीतों ने भी भक्ति की खूब रसधारा बहायी। रानी कौशल्या के निवास पर हर रोज भजन संध्या का आयोजन किया जा रहा है। जिसमें अयोध्या धाम बने बाग फरजाना की सखियां न सिर्फ विवाह की तैयारियों में व्यस्त हैं बल्कि उत्साह और उमंग के साथ हर परम्परा को निभाया जा रहा है। 25 सितम्बर को भजन संध्या के साथ रंगोली व थाल सज्जा कार्यक्रम का आयोजन किया जाएगा।

इस अवसर पर मुख्य रूप से हरिनारायण चतुर्वेदी, प्रखर शर्मा, युक्ति शर्मा, नितिन अग्रवाल, मनीष शर्मा, सुमन शर्मा, अनुराधा शर्मा, अनुज अरोरा, गरिमा जैन, स्नेहलता गुप्ता, पूजा भार्गव, सीमा सिंघल, कामना उपाध्याय, नुपुर दीक्षित, मेगा अग्रवाल आदि उपस्थित थीं।

राम जन्म की खुशी में दीपों से जगमगाया राजा दशरथ का आवास

हर तरफ भगवान राम के जन्म की खुशी में प्रज्ज्वलित दीपों की बिखरती उज्ज्वलता। जो वातावरण को ही नहीं मन के अन्धकार को भी श्रीहरि की भक्ति के प्रकाश से दूर कर रही थी। मन में श्रद्धा का भाग व और मुख पर श्रीराम के जयकारे। हर तरफ खुशियां और प्रकाश बिखरा था।

आज बाग फरजाना क्षेत्र राजा दशरथ के आवास पर रामलीला आयोजन के तहत श्रीराम जन्म की खुशी में 1001 दीप जलाकर दीपावली मनाई गई। राजा दशरथ का आवास प्रकाश और फूलों से ऐसे सजा था मानो अयोध्या नगरी। दीपों की श्रंखला में सियाराम, अयोध्या, लक्ष्मण, हनुमान और रामायण के अन्य पात्रों के नाम लिखे गए। कार्यक्रम का शुभारम्भ संतोष शर्मा व उनकी धर्मपत्नी ललिता शर्मा ने सियाराम की आरती कर किया।

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