यूविन पोर्टल पर जिले में शुरू की जा चुकी है सुविधा, मोबाइल से ओटोपी बेस्ड लॉगिन कर लें लाभ
कोविड टीकाकरण वाले मोबाइल नंबर से लॉगिन करेंगे तो स्वतः दिखेगा कोविन पोर्टल पर दर्ज डिटेल
आगरा: अगर किसी कारणवश कोई बच्चा स्वास्थ्य विभाग की ड्यू लिस्ट में शामिल नहीं है और टीकाकरण से वंचित है तो उसके अभिभावक खुद उसे इस सूची में शामिल कर सकते हैं। यह सुविधा यूविन पोर्टल पर शुरू की जा चुकी है। एक बार बच्चे का नाम पोर्टल पर एड हो जाएगा तो न सिर्फ नजदीकी केंद्र पर टीकाकरण की सुविधा मिल जाएगी, बल्कि सिस्टम खुद समय-समय पर टीकाकरण के लिए याद दिलाता रहेगा। इस पोर्टल पर अभिभावकों को मोबाइल नंबर से ओटीपी के जरिये लॉगिन करना होगा । जिन लोगों ने कोविड टीकाकरण करवाया है वह कोविन पोर्टल पर दर्ज अपने नंबर से यूविन पोर्टल पर लॉगिन करेंगे तो उन नामों का विवरण दिखाई देने लगेगा जो कोविन पर पहले से दर्ज हैं।
मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ.अरुण श्रीवास्तव ने बताया कि यूविन पोर्टल पर अभिभावक को बच्चे का विवरण भरना होगा। इसके बाद टीकाकरण के सत्र स्थल को चयनित करने का विकल्प मिलेगा। इस तरह अभिभावक अपने नजदीकी सत्र स्थल का चुनाव कर बच्चे का टीकाकरण करवा सकेंगे। टीकाकरण करने वाली एएनएम को वह अपना संबंधित मोबाइल नंबर और आधार कार्ड दिखाएंगे व इसके बाद एएनएम विवरण देख कर टीका लगा देंगी। जब एएनएम बच्चे के टीकाकरण का विवरण दर्ज कर देंगी तो अभिभावक को खुद बच्चे के अगले टीके का संदेश उनके मोबाइल पर जाएगा ।
मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने बताया कि यूविन पोर्टल के जरिये जिले में 17825 सत्र आयोजित किये जा चुके हैं। इन सत्र स्थलों पर शून्य से एक वर्ष के 64217 और एक वर्ष से अधिक उम्र के 27892 बच्चों का टीकाकरण किया जा चुका है। गर्भवती को भी यूविन पोर्टल के जरिये ही टीकाकरण की सुविधा दी जा रही है। जिले में अब तक 22243 गर्भवती को इस पोर्टल के जरिये टीका लगाया गया है।
सीएमओ ने बताया कि जनपद में जिला प्रतिरक्षण अधिकारी डॉ. संजीव वर्मन की देखरेख में डब्ल्यूएचओ से एसएमओ डॉ. महिमा चतुर्वेदी व विश्व स्वास्थ्य संगठन की टीम द्वारा टेक्निकल सपोर्ट के साथ- साथ वीकली रिव्यू मीटिंग में एएनएम, आशा कार्यकर्ता का प्रशिक्षण में सहयोग और यूएनडीपी संस्था के प्रतिनिधि वीसीसीएम शिव तिवारी के सहयोग से यूविन पोर्टल का संचालन किया जा रहा है। इस कार्य में जिले के सभी ब्लॉक प्रोग्राम मैनेजमेंट यूनिट और खासतौर से बीपीएम का विशेष सहयोग मिल रहा है। विभाग की कोशिश है कि शत फीसदी टीकाकरण सत्र पोर्टल के जरिये ही संचालित हों, ताकि सभी बच्चों और गर्भवती को सम्पूर्ण टीकाकरण की सुविधा प्राप्त हो।
सरकारी प्रावधानों के तहत लगते हैं यह टीके
जिला प्रतिरक्षण अधिकारी डॉ. संजीव वर्मन ने बताया कि सरकारी अस्पतालों में बच्चों को 11 प्रकार की जानलेवा बीमारियों से बचाव के लिए टीके लगाए जाते हैं। ओपीवी बच्चे के जन्म के समय, डेढ़ माह, ढाई माह, साढ़े तीन और सोलह से चौबीस माह के बीच, आरवीवी जन्म के डेढ़ माह, ढाई माह और साढ़े तीन माह पर, एमआर नौ माह व सोलह से चौबीस माह के बीच, एफआईपीवी डेढ़ माह व साढ़े तीन माह पर, पीसीवी डेढ़ माह, साढ़े तीन माह और नौ माह पर, डीपीटी सोलह से चौबीस माह व पांच वर्ष पर, विटामिन ए नौ माह, सोलह से चौबीस माह, दो से पांच वर्ष तक हर छह माह के अंतराल पर, टीडी का टीका दस वर्ष व सोलह वर्ष पर, बीसीजी का टीका जन्म के समय, हेपेटाइटिस बी का टीका जन्म के समय और पेंटावेलेंट का टीका डेढ़ माह, ढाई माह और साढ़े तीन माह की उम्र में लगाया जाता है। गर्भवती को टीडी का पहला टीका गर्भावस्था का पता लगने पर, दूसरा टीका टीडी प्रथम के चार सप्ताह बाद और टीडी का बूस्टर डोज उन गर्भवती को लगाया जाता है जिन्होंने पिछले तीन वर्षों में गर्भावस्था के दौरान टीडी टीके की एक खुराक ली हो।
पोर्टल से ही बन रहा है आभा आईडी
जिला प्रतिरक्षण अधिकारी ने बताया कि यूविन पोर्टल पर आभा आईडी बनाने का विकल्प आ रहा है। आधार बेस्ड ओटीपी वेरिफिकेशन के जरिये अभिभावक अपना आभा आईडी बना सकते हैं । अपने पहचान पत्र के माध्यम से वह बच्चों की भी आभा आईडी जेनरेट कर सकते हैं।
सत्र स्थल पर भी पोर्टल से मिल रही है सुविधा
अछनेरा ब्लॉक के स्वास्थ्य शिक्षा एवं सूचना अधिकारी विपिन बिहारी मिश्रा ने बताया कि टीकाकरण के सभी सत्र स्थलों पर अभिभावकों के लिए आधार कार्ड और मोबाइल नंबर अनिवार्य किया गया है। वरीयता उस मोबाइल नंबर को दी जा रही है जो कोविड टीकाकरण में इस्तेमाल हुआ था। लाभार्थी का यूविन पोर्टल पर पंजीकरण कर टीका लगाया जा रहा है। आधार कार्ड की मदद से अभिभावक का आभा आईडी भी जेनरेट किया जा रहा है।