आगरा 28 अप्रैल। टीएससी बाई विक्रम शुक्ला द्वारा आयोजित एक संगीत संध्या में बॉलीवुड के प्रसिद्ध गीतकार सुरेंद्र साथी ने जहां एक तरफ अपने गीतों से महफिल को मंत्र मुग्ध कर दिया। वही दूसरी तरफ आकाशवाणी के उद्घोषक देवप्रकाश शर्मा के गाने “चुनली रात मा “को भरपूर तालियों का प्यार मिला। सुरेंद्र साथी ने सड़क फिल्म का गाना “जमाने के देखे है रंग हजार” की नई पक्तियां को स्वर दिया।उन्होंने एक आने वाली फिल्म जिसमे आगरा के पेठा के ऊपर अपना लिखा गाना भी सुनाया।
टीएससी की इस शाम में स्प्रिट टीम जिसमे विनोद कुमार, सुमिता, शशि,अंकिता, लवीना और विवेक कुमार जैन शामिल थे ने शेरों शायरी के बीच 1955 से लेकर 1990 तक के सुपर हिट गीतों को लेकर एक 20 मिनट की मैडली की शानदार प्रस्तुति दी।
सीमा फिल्म की प्रार्थना “तू प्यार का सागर है” प्रारंभ हुई संगीत यात्रा “मेरे दिल में आज क्या है “न चाहूं सोना चांदी,आ देखे जरा किसमें कितना है दम,ये लड़का हाय अल्लाह कैसा है दीवाना, तुम्हारी नज़र क्यों खफा हो गई,तूने ओ रंगीले कैसा जादू किया, बेखुदी में सनम उठ गए जो कदम, आंखों ही आंखों में इशारा हो गया, ओ मेरे हमसफर, हंसता हुआ नूरानी चेहरा, सायोनारा सायोनारा से चलकर जिंदगी मिलकर बिताएंगे, हाले दिल गा कर सुनाएंगे पर समाप्त हुई और स्प्रिट टीम ने डॉक्टर बशीर बद्र के शेर ” उजाले अपनी यादों के हमारे साथ रहने दो, न जाने किस गली में जिंदगी की शाम हो जाए ” से दुबारा मिलने के वायदे के साथ विदा ली।पीएसी कमांडेंट नरेंद्र कुमार सिंह ने “रोते हुए आते है सब”
डॉक्टर आशीष ने “ये जो मोहब्बत है ,ये उनका है काम”मेघा दुबे ने “वो जो तेरे मेरे इश्क का एक”सौमिन सिन्हा ने “दिल मेरा चुराया क्यों”विशाल झा ने ” सुंदरी हाय हाय सुंदरी” अनु अग्रवाल ” रोने न दीजिएगा मेडली”जसपाल खुराना ने “करोगे याद तो हर बात याद आयेगी “लता दौलतानी ने “ऐ दिल नादान , ऐ दिल नादान” मोनिका लखनपाल ने “आदमी खिलौना है” राजीव सक्सैना ने ” मेरा जीवन कोरा कागज़,कोरा ही रह गया” क्षमा वर्मा ने ” जब छाए मेरा जादू”गीतों को स्वर दिए।
सुनील मथरानी को “जिंदगी एक सफर है सुहाना ” गीत के लिए बंद मुट्ठी सम्मान दिया गया। महफिल के अंत में विक्रम शुक्ला ने आभार और धन्यवाद ज्ञापित किया।