आगरा: कोलकाता में महिला डॉक्टर के साथ रेप और फिर उसकी हत्या से देशभर के चिकित्सकों में नाराजगी देखने को मिल रही है देशभर के सरकारी हॉस्पिटलों में जूनियर डॉक्टर हड़ताल पर चले गए हैं। ऐसा ही नजारा आगरा के एसएन अस्पताल में देखने को मिल रहा है। आगरा के एसएन अस्पताल के जूनियर डॉक्टर हड़ताल पर चले गए है और पश्चिम बंगाल सरकार के खिलाफ जमकर प्रदर्शन कर रहे हैं उन्होंने दो-तक शब्दों में कहा है कि जब तक मृतक महिला चिकित्सक को इंसाफ नहीं मिलेगा प्रदर्शन जारी रहेगा।
कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज में 31 साल की महिला ट्रेनी डॉक्टर के साथ 8-9 अगस्त की रात दरिंदगी हुई थी। देश की आज़ादी के पर्व से चंद दिन पहले हुए इस जघन्य अपराध ने पूरे देश को एक बार फिर ठहर कर सोचने पर मजबूर किया है। अफसोस की बात यह है कि अगले दिन जब लड़की के मां-बाप को सूचना दी गई तो उन्हें बताया कि उनकी बेटी ने ‘सुसाइड’ किया है। वह दौड़ कर मेडिकल कॉलेज पहुंचे। उन्हें 3 घंटे तक उनकी बेटी के पास नहीं जाने दिया गया। जब वह उसके पास पहुंचे तो बेटी उन्हें आधे कपड़ों और शरीर पर गहरी चोटों के निशान के साथ मृत मिली।
कोलकाता पुलिस ने चार्ज लिया। जांच शुरू हुई। बलात्कार की पुष्टि हुई। सुसाइड का झूठा नैरेटिव ध्वस्त हो गया। पोस्टमार्ट्म रिपोर्ट के खुलासों ने हैवानियत की पूरी कहानी सामने रख दी। बात खबरों के माध्यम से देश के पास पहुंची। हर बार की तरह खूब हंगामा हुआ और अब मामला सीबीआई को सौंप दिया गया है।
कोलकाता के आर जी कर मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल में एक ट्रेनी डॉक्टर की रेप के बाद बेरहमी से हत्या कर दी गई. इस वारदात को अंजाम देने वाला रेपिस्ट कातिल संजय रॉय पुलिस की पकड़ में आ चुका है. मगर बावजूद इसके यह मामला इतना उलझा हुआ कि सब हैरान हैं. अब कोलकाता हाई कोर्ट के आदेश पर इस मामले की जांच कोलकाता पुलिस से लेकर सीबीआई को सौंप दी गई है. इसके फौरन बाद अखिल भारतीय सरकारी डॉक्टर संघ के अतिरिक्त महासचिव डॉ. सुवर्ण गोस्वामी ने एक सनसनीखेज खुलासा किया है.
डॉ. सुवर्ण गोस्वामी के हिसाब से प्राइवेट पार्ट से 151 ग्राम लिक्विड का पाया जाना इस बात का सबूत है कि जूनियर डाक्टर के साथ एक से ज्यादा लोगों ने रेप किया है. यानी मामला गैंगरेप का है. उन्होंने बताया कि औसतन एक शख्स का जो सीमंस होता है पांच ग्राम के आसपास होता है. हालंकि मामला रेप का है या गैंगरेप का इसकी तसदीक तभी हो सकती है जब डीएनए रिपोर्ट आएगी. डीएनएओ के जरिए ही ये पता चलेगा जूनियर डाक्टर के प्राइवेट पार्ट से मिले सीमंस किसी एक के हैं या एक से ज्यादा लोगों के.
डॉ. सुवर्ण गोस्वामी ने जूनियर डाक्टर के शरीर पर मिले जख्मों का भी हवाला देते हुए कहा कि जिस तरह और जिस फोर्स के साथ जूनियर डाक्टर पर हमला किया गया वो भी किसी एक अकेले का काम नहीं लगता. इस बीच केस सीबीआई को सौंपे जाने के बाद अब आंदोलन कर रहे डाक्टरों ने ये इलजाम लगाया है कि कोलकाता पुलिस ने जरूरी सबूतों को मिटाने की साजिश रची थी. उनका इलजाम है कि अस्पताल की जिस तीसरी मंजिल के सेमिनार हॉल में जूनियर डाक्टर को मारा गया उस फ्लोर तक को पुलिस ने सील नहीं किया. बल्कि उसी फ्लोर और उसी सेमिनार हॉल के बराबर में तोड़-फोड़ और मरम्मत का काम शुरू कर दिया।
हड़ताल पर गए चिकित्सको ने बताया कि कोलकाता के आरजी मेडिकल कॉलेज में 31 साल की महिला चिकित्सक के साथ जो घटना घटी वो किसी से छुपी नहीं है। इस घटना महिला चिकित्सक रेजिडेंट चिकित्सक की सुरक्षा पर सवाल खड़े हो गए है। इस घटना ने पश्चिम बंगाल की सरकार पर भी सवाल खड़े किये है। जूनियर डॉक्टर दो टूक शब्दों में कहा है कि जब तक महिला चिकित्सक कौन साफ नहीं मिलेगा उसके आप पकड़े नहीं जाएंगे और उन्हें फांसी की सजा नहीं होती यह आंदोलन जारी रहेगा।
महिला जूनियर डॉक्टर का कहना था कि ऐसे लोग तो राक्षस होते हैं और इनके अंदर डर बैठाना होगा जिससे इस तरह की घटना के बारे में सोचते ही उसका अंजाम उनके सामने आए और वह बुरी तरह से सहम जाए। ऐसे लोगों को तो खुले में फांसी की सजा दे देनी चाहिए और इससे भी बुरी कोई सजा हो तो उसे सरकार कानून में ले और उसे लागू करें.
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