Agra News: नकली दवा माफिया के बयान से मचा हड़कंप, महीनेदारी देकर फैक्ट्री चलाने की कही बात, पुलिस कमिश्नर ने डीसीपी सिटी को सौंपी जांच

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आगरा: पहले टप्पेबाजों को छोड़ने के मामले में शाहगंज पुलिस और उसके बाद कुरियर एजेंटों के मामले में सिकंदरा पुलिस की कार्यशैली सवालों में घिरने के बाद अब एंटी नारकोटिक्स टास्क फोर्स भी कठघरे में आ गई है। नकली दवाओं के मामले में पकड़े गए माफिया ने कई राज उगले हैं। उसने महीनेदारी देकर फैक्ट्री चलाने की बात कही। इस शिकायत पर पुलिस आयुक्त ने डीसीपी सिटी को जांच करने के लिए कहा है।

बता दें कि विगत मंगलवार को सिकंदरा क्षेत्र में नकली दवाओं की फैक्ट्री पकड़ी गई थी। एंटी नारकोटिक्स टास्क फोर्स ने माफिया विजय गोयल सहित दस आरोपियों को गिरफ्तार कर आठ करोड़ का कच्चा माल और मशीनरी बरामद की थी। विजय गोयल इससे पहले पिछले साल जुलाई में पकड़ा गया था। तब सिकंदरा और बिचपुरी में उसकी नकली दवाओं की फैक्ट्री मिली थीं। वह फरवरी में जमानत पर बाहर आ गया।

विजय गोयल ने एसीपी हरीपर्वत आदित्य सिंह और डीसीपी सिटी सूरज राय को कई जानकारियां दीं। सूत्रों का कहना है कि आरोपी ने यह भी बताया कि खाकी वालों का हाथ सिर पर था। महीनेदारी देनी पड़ रही थी। इसमें एएनटीएफ के कुछ लोग थे। एक सिपाही की मदद से वह उन तक पहुंचा था। विजय अब यह फैक्ट्री बंद कर हिमाचल प्रदेश में एक परिचित की मदद से फैक्ट्री खोलने वाला था। इसकी भनक महीनेदारी लेने वालों को हुई। उन्होंने छापा मारकर अपना गुडवर्क दिखा दिया।

जिस समय पूछताछ हुई, उस समय थाने में और भी पुलिसकर्मी मौजूद थे। इससे विभाग में चर्चाएं शुरू हो गईं। महीनेदारी लेने के आरोप का मामला पुलिस आयुक्त तक पहुंच गया। उन्होंने जांच के आदेश कर दिए। मामले की रिपोर्ट एएनटीएफ के मुख्यालय को दी जाएगी। बताया जाता है कि मामला लखनऊ तक पहुंच गया। अधिकारियों के पास फोन भी आने लगे।

पुलिस आयुक्त जे. रविन्दर गौड़ ने मीडिया को बताया कि दवा माफिया ने बयान में एएनटीएफ के कुछ कर्मियों पर आरोप लगाए हैं। डीसीपी सिटी से जांच कर रिपोर्ट देने के लिए कहा है। रिपोर्ट वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों को भेजी जाएगी। आरोप की पुष्टि होती है तो कार्रवाई भी कराई जाएगी।

-साभार सहित




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