आगरा: उत्तर प्रदेश के आगरा शहर में नगर निगम की पोल खुल गई है। पूरे शहर का हाल बेहाल है। बारिश पढ़ने पर व्यापाक इंतजाम ही नहीं आगरा के लगभग हर वार्ड में पानी भर गया, सड़कें तालाब बन गईं और नाले नालियों का गंदा पानी गलियों कॉलोनी यों और दुकानों में घुस गया।
आम जनमानस का परेशान व्यापारियों का कारोबार आना-जाना ठप हो गया है, लोग घरों में कैद हैं और गलियों में बदबू का माहौल बना हुआ है। जलभराव की वजह से सड़कों पर चलना मुश्किल हो गया है, हर गली-मोहल्ला गड्ढों से भरा पड़ा है। टूटी सड़कें, जर्जर नाली व्यवस्था और लापरवाह नगर निगम—आगरा की जनता त्राहि-त्राहि कर रही है।
“वाह रे प्रशासन, वाह रे भगवान!”—जनता जानना चाहती है क्या यही उत्तर प्रदेश का नंबर दो पर आने वाला आगरा धोखा है व्यापारियों का लाखो करोडो का नुक्सान, गुर तेग बहादर कॉलोनी के घरो मे पानी भर गया अनेको बस्ती घर जलमग्न बिजलीघर मुग़ल रोड अग्रवन सेवा सदन रोड कमलानगर बलकेशवर आईटीआई रोड श्मशाबाद रोड फतेहाबाद रोड इलाकों में जनजीवन अस्त-व्यस्त है। नगर निगम की निष्क्रियता और लापरवाही पर सवाल खड़े हो रहे हैं।
अब देखना यह है कि शासन-प्रशासन इस पर कब जागता है और आगरा की जनता को कब राहत मिलती है।
समाजसेवी श्याम भोजवानी, आजाद जैन, अमित भाटिया, गुरदीप लूथरा, दीपक वाधवा, राज छाबडा ने नगर निगम की लापरवाही पर रोष जताया।
रिपोर्टर- पुष्पेंद्र गोस्वामी