21 झांकियों बैंड बाजों के साथ नगर भ्रमण करेगी संत दुर्बल नाथ शोभायात्रा2
सितंबर से 4 सितंबर तक मनाया जाएगा बाबा दुर्बल नाथ का 164 वां जन्मोत्सव
संत दुर्बलनाथ का जीवन समाज के लिए प्रेरणा हेमंत चलनी वाले
सांसद भोला सिंह खटीक, समाज के लोगों के साथ शोभायात्रा का करेंगे शुभारंभ
आगरा। राष्ट्रीय संत शिरोमणि श्री श्री 1008 दुर्बल नाथ जी महाराज के 164 वें जन्मोत्सव पर विशाल शोभायात्रा का आयोजन किया जाएगा। इस बार शोभायात्रा का शुभारंभ खटीक समाज के सांसद कार्यक्रम के मुख्य अतिथि डॉ भोला सिंह खटीक करेंगे। घटिया स्थित हरियाली वाटिका में बाबा दुर्बल नाथ सेवा समिति के द्वारा पोस्टर विमोचन कर कार्यक्रम की जानकारी दी गई।
कार्यक्रम संयोजक एवं खटीक महासभा के प्रदेश उपाध्यक्ष हेमंत चलनी वाले ने बताया कि शोभा यात्रा के माध्यम से सामाजिक सद्भाव के साथ संत शिरोमणि दुर्बल नाथ के बताए गए मार्ग पर चलने का संकल्प दिलाया जाएगा।
उन्होंने कहा संत का जीवन हम सबके लिए प्रेरणा है। इस बार शोभा यात्रा में झांकियां के साथ सूरत का बैंड और अन्य सामाजिक संदेश देती हुई झांकियां निकाली जाएगी।
उप्र खटीक महासभा के प्रदेश अध्यक्ष तजेंद्र राजोरा ने बताया कि आयोजन समिति के द्वारा पिछले 10 वर्षों से लगातार शोभायात्रा निकाली जा रही है इस बार शोभायात्रा को और भव्य रूप दिया गया है।
समिति के अध्यक्ष शिवकुमार राजोरा ने बताया कि संत दुर्बल नाथ महाराज की शोभायात्रा में इस बार 21 से ज्यादा झांकियां बैंड बाजों के साथ सामाजिक एकता का संदेश देंगी।
2 सितंबर को रात्रि 8 बजे से भजन कीर्तन संध्या का आयोजन किया जाएगा। 3 सितंबर को शोभायात्रा और 4 सितंबर को विशाल भंडारे का भी आयोजन समिति की ओर से किया गया है। पोस्टर विमोचन के दौरान कार्यक्रम संयोजक उत्तर प्रदेश
यहां से निकलेगी शोभायात्रा
संत बाबा दुर्बल नाथ के जन्म उत्सव पर आयोजित शोभायात्रा का शुभारंभ श्री दुर्गा मंदिर कमेटी हॉल खटीक पाड़ा से प्रारंभ होकर तिकोनिया हनुमान मंदिर, घटिया चौराहा, फुब्बारा, फुलट्टी बाजार, सिंधी बाजार, कालीबाड़ी होते हुए बाबा दुर्बल नाथ बगीची पर समापन होगा। जहां पर समाज के लोगों का सम्मान किया जाएगा। शोभा यात्रा का जगह-जगह पुष्प वर्षा का स्वागत किया जाएगा इसके लिए स्वागत द्वार बनाए जाएंगे।
इनकी रही मौजूदगी
पोस्टर विमोचन के दौरान बाबा दुर्बल नाथ जी सेवा समिति के संरक्षक तजेंद्र राजोरा, समिति के अध्यक्ष शिवकुमार राजोरा, संयोजक हेमंत चलनी वाले, संरक्षक मदन किशोर पलवार, उपाध्यक्ष जीतू बागड़ी, राजकुमार आशीवाल, शिवकुमार शिंबबे, लाखन सिंह चक, सुंदर सिंह बिटोलिया, सुभाष चंद्र राजोरा, सुमित घूते, संजय घूते, कोषाध्यक्ष लक्ष्मण आशीवाल, राकेश राजोरा, मंत्री मुल्क राज पलवार, लखमी चंद्र राजोरा, सुरेश, धर्मवीर सिंह चक, देवी राम खेतोलिया, तीर्थ मल्होत्रा, चंद्रपाल राजोरा, गोपाल, मीडिया प्रभारी सत्य प्रकाश पलवार, भगवत दयाल बडगूजर सहित संत दुर्बल नाथ जी सेवा समिति से जुड़े पदाधिकारी और कार्यकर्ता मौजूद रहे।
ऐसे थे सन्त शिरोमणि श्री श्री 1008 श्री दुर्बल नाथ जी
परमपूज्य सन्त श्री दुर्बल नाथ जी महाराज खटीक समाज के प्रथम यशस्वी कुलगुरु हुए हैं, जिन्होंने इस समाज में व्याप्त कुरीतियों को मिटाकर मानव मात्र को आत्मज्ञान कराकर परमपिता परमेश्वर की ओर ध्यान लगाने के लिए प्रेरित किया। इनका जन्म सन् 1861 में भरतपुर एवं अलवर जिलों की सीमाओं से जुड़े हुए गाँव ‘बिचगाँव’ में हुआ। इनका जन्म आपके माता-पिता के चौथेपन में उनके द्वारा की गई विशेष भगवद् भक्ति के अनुकम्पित आशीर्वाद के फलस्वरूप हुआ। बचपन में दुर्बल नाथ नाम ‘कल्याण’ था।
आपका ध्यान ईश्वर की ओर बचपन से ही था। जब आप 8-10 वर्ष की आयु में गायें चराने जाते थे तो वहाँ जंगल में ही ध्यान लगाकर बैठ जाते थे। आपकी मुँहबोली गाय गंगा सभी गायों को चराकर ले आती थी। दोपहर में गंगा के थनों से स्वयं ही दूध झरने लगता। पूज्यश्री दुग्धपान करके ही अपने आपको तरोताजा महसूस करते। संत दुर्बलनाथ ने जीवन पर्यंत सामाजिक सद्भाव के साथ समाज में व्याप्त कुरीतियों को दूर करते हुए भक्त जनों को सदमुक्ति का मार्ग दिखाया।
रिपोर्टर- पुष्पेंद्र गोस्वामी