आगरा: एक बार फिर बारिश ने नगर निगम की तैयारियों की पोल खोल दी है। आगरा के बेलनगंज क्षेत्र में स्थित हाथी घाट पुल के नीचे बुधवार दोपहर हुई तेज बारिश के बाद भारी जलभराव हो गया, जिससे पूरे इलाके में अफरा-तफरी मच गई। पुल के नीचे जमा हुए पानी के कारण कई दोपहिया और चार पहिया वाहन बंद हो गए और यातायात पूरी तरह से बाधित हो गया।
दोपहर शहर में हुई तेज बारिश से बेलनगंज पुल के नीचे भारी जलभराव हो गया। जिसकी वजह से दोनो तरफ वाहनों की लंबी कतारें लग गईं। शाम के समय घर जाने वाले शहर के लोग और ट्यूशन पढ़ने वाले बच्चे घंटों तक जाम में फंसे रहे। कई छोटे-बड़े वाहन पानी में फंसकर बंद हो गए, जिन्हें धक्का लगाकर बाहर निकाला गया।
स्थानीय निवासी का कहना है, “हर साल बरसात में यही हाल होता है। नगर निगम केवल बारिश आने के बाद हरकत में आता है। अगर पहले से नाले साफ किए जाते और ड्रेनेज सिस्टम ठीक किया जाता तो यह स्थिति न बनती।”
नगर निगम की लापरवाही फिर आई सामने
शहर में हर मानसून सीज़न में जलभराव एक आम समस्या बन चुकी है। हाथी घाट पुल के नीचे का क्षेत्र वर्षों से जलभराव के लिए कुख्यात है, बावजूद इसके नगर निगम की ओर से कोई स्थायी समाधान नहीं किया गया है।
नगर निगम द्वारा जलभराव से निपटने के लिए लगाए गए पंपिंग सेट भी शुरू में ठीक से काम नहीं कर सके। मौके पर पहुंचे अधिकारियों ने दावा किया कि जल्द ही पानी निकाल दिया जाएगा लेकिन रात तक यही स्थिति बनी रहे।
एक अन्य स्थानीय पेठा विक्रेता ने नाराजगी जताते हुए कहा, “पिछली बार जब यही हालत हुई थी तब भी नगर निगम ने आश्वासन दिया था कि ड्रेनेज सिस्टम सुधारा जाएगा, लेकिन आज तक कुछ नहीं हुआ। हम हर साल इसी परेशानी से जूझते हैं।”
सवालों के घेरे में नगर प्रशासन
नगर निगम द्वारा हर साल करोड़ों रुपये की लागत से सफाई अभियान चलाने का दावा किया जाता है, लेकिन जब ज़मीन पर हालात नहीं बदलते, तो लोगों का विश्वास भी उठने लगता है।
जलभराव की समस्या न केवल ट्रैफिक को प्रभावित करती है, बल्कि स्वास्थ्य की दृष्टि से भी गंभीर खतरा बन जाती है। गंदे पानी के भराव से मच्छरों का प्रकोप बढ़ता है, जिससे डेंगू, मलेरिया जैसी बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है।
जनता की मांग: हो स्थायी समाधान
स्थानीय निवासियों और व्यापारियों ने नगर निगम से मांग की है कि केवल अस्थायी राहत कार्यों पर समय और पैसा बर्बाद करने की बजाय जल निकासी की स्थायी व्यवस्था की जाए। बेलनगंज और आस-पास के इलाकों में सीवरेज और ड्रेनेज लाइन की समुचित मरम्मत और विस्तार किया जाए, जिससे हर साल की इस जलभराव समस्या से छुटकारा मिल सके।
निष्कर्ष:
यमुना किनारे बेलनगंज पुल के नीचे जलभराव की यह घटना केवल एक स्थान की समस्या नहीं, बल्कि पूरे शहर में नगर निगम की कार्यप्रणाली पर गंभीर सवाल खड़े करती है। अगर समय रहते पुख्ता और स्थायी उपाय नहीं किए गए, तो भविष्य में हालात और भी गंभीर हो सकते हैं।
रिपोर्टर- लवी किशोर