आगरा। मार्गशीर्ष पूर्णिमा की पावन संध्या पर भावना एस्टेट, सिकंदरा रोड स्थित कावेरी कौस्तुभ परिसर भक्ति और आध्यात्मिक उल्लास से सराबोर हो उठा। पीत वस्त्रों में सजे हजारों श्रद्धालुओं, देव सवारियों और पुष्पवृष्टि के बीच सात दिवसीय श्रीमद् भागवत कथा का भव्य शुभारंभ हुआ। पूरा परिसर मानो किसी दिव्य लोक जैसा दृश्य प्रस्तुत कर रहा था।
सुबह कलश पूजन के उपरांत 151 कलशों की विशाल कलश यात्रा निकाली गई। सिर पर कलश धारण किए महिलाओं और पुरुषों की लंबी कतारें श्रद्धा और उत्साह का अद्भुत भाव जगाती रहीं। यात्रा की अगुवाई गणेश जी और बांके बिहारी जी की सवारियों ने की, जिनके आगे पारंपरिक दो घोड़े शोभा बढ़ा रहे थे। मार्ग में जगह-जगह की गई पुष्पवृष्टि ने वातावरण को और अधिक आध्यात्मिक व मनोहर बना दिया।
कथा व्यास एवं भागवत रत्न मोहित स्वरूप आचार्य (वृंदावन) ने कलश यात्रा के महत्व पर प्रकाश डालते हुए कहा कि यह यात्रा भक्ति, पवित्रता और समाज की सामूहिक एकजुटता का प्रतीक है। प्रथम दिवस की कथा में उन्होंने श्रीमद् भागवत महापुराण की महिमा का वैदिक स्वरूप में वर्णन करते हुए बताया कि भागवत कथा मनुष्य जीवन में धर्म, ज्ञान और मोक्ष के मार्ग को आलोकित करती है।
कथा का शुभारंभ राजा परीक्षित की परंपरा के अनुसार रमाशंकर शर्मा और बृजबाला शर्मा द्वारा श्रीमद् भागवत के विधिवत पूजन से किया गया।
आयोजन को सफल बनाने में विश्वास शर्मा, अनीशा शर्मा, अमित शर्मा, श्रद्धा शर्मा, मौली शर्मा, सुहानी शर्मा, एकाग्र वशिष्ठ, लावण्या वशिष्ठ, संजय गोयल, निमित्त पोरवाल, अखिलेश दुबे, नरेश सिंह, नरेंद्र गुप्ता, दिलीप अग्रवाल, विजय बंसल, ऋषि खंडेलवाल, विजय अग्रवाल, जयप्रकाश यादव, कपिल पोरवाल, दीपक अग्रवाल और गजेंद्र तोमर सहित कई लोगों का योगदान उल्लेखनीय रहा।
सात दिवसीय श्रीमद् भागवत कथा प्रतिदिन दोपहर 3 बजे से 6 बजे तक भक्ति रस, आध्यात्मिक प्रसंगों और संगीत से परिपूर्ण भजन संध्या के साथ आयोजित की जाएगी।
