Agra News: शिक्षा के मंदिर में शिक्षक ही कर रहे शिक्षिकाओं से छेड़खानी, द्विअर्थी शब्दों में टिप्पणी

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आगरा: शिक्षा के मंदिर में स्कूल के अध्यापकों ने शिक्षिकाओं का जीना हराम कर रखा है। उनके वीडियो बनाकर अश्लील टिप्पणी करते हैं। परेशान प्रभारी प्रधानाध्यापिका ने अध्यापकों के विरूद्ध थाने में तहरीर दी है। साथ ही सोशल एक्टिविस्ट से मदद मांगी है। इलाकाई पुलिस ने स्कूल जाकर जांच शुरू की दी है। वहीं दूसरी ओर सोशल एक्टिविस्ट नरेश पारस ने पीड़ित शिक्षिकाओं तथा अन्य अध्यापक अध्यापिकाओं का भी पक्ष जाना। कार्य स्थल पर यौन शोषण की रोकथाम के लिए कोई कमेटी का भी गठन नहीं किया गया है।

द्विअर्थी शब्दों का करते हैं इस्तेमाल

उच्च प्रा0 वि0 गढ़ी हरलाल (कम्पोजिट) ब्लॉक बरौली अहीर थाना मलपुरा आगरा में कार्यवाहक प्राधानाध्यापिका ने विद्यालय में ही तैनात अध्यापक ओमकार तथा शानू पर आरोप लगाया कि उक्त अध्यापकों से शिक्षण कार्य के लिए कहा जाता है तो अपशब्दों का इस्तेमाल करते हुए गाली गलौज करते हैं। द्विअर्थी शब्दों का इस्तेमाल करते हुए अश्लील टिप्पणी करते हैं। गधी, कुतिया और घोड़ी कहकर पुकारते हैं। अश्लील बातें करते हैं। उक्त दोनों शिक्षक स्कूल समय के बाद भी आते जाते समय प्रार्थिया का पीछा करते हैं तथा रास्ता रोकते हैं। कोने में बुलाते हैं। वीडियो बनाते हैं। यह उनकी निजता का हनन है। विद्यालय आना और पढ़ाना दूभर कर रखा है।

लिफ्ट के बहाने छेड़छाड़

स्कूल की अनुदशक ने बताया कि स्कूल की छुट्टी के बाद ओमकार ने लिफ्ट मांगी। अगले दिन स्कूल में अनुदशक का मजाक उड़ाया गया। कहा कि लिफ्ट के बहाने अनुदेशिका को इधर उधर छुआ। पुरूषों शिक्षकों के बीच उसका मजाक उड़ाया गया। पीड़िता ने अपने पति से शिकायत की। पति के समझाने पर भी शिक्षक नहीं माने। वह लगातार उसका उत्पीड़न कर रहे हैं। छिपकर दूर से भी वीडियो बनाते हैं। वीडियो वायरल होने की आशंका है। 22 जनवरी को बीएसए के निरीक्षण में सात शिक्षक शिक्षिकाएं अनुपस्थित मिले थे। आरोपी शिक्षकों का कहना है कि मिड-डे मील में गड़बड़ी होती है इसलिए वीडियो बनाते हैं।

विशाखा गाइडलाइन का उल्लंघन

प्रधानाध्यापिका से मिली शिकायत पर सोशल एक्टिविस्ट नरेश पारस ने शिक्षक शिक्षिकाओं तथा ग्राम प्रधान से जानकारी ली। विशाखा गाइडलाइन के अनुसार कार्य स्थल पर यौन शोषण रोकने के लिए कमेटी बनाने के प्रावधान है। जो इस विद्यालय में नहीं बनाई गई है। जानकारी करने पर पता चला कि किसी भी स्कूल में यह कमेटी नहीं बनी है। कार्य स्थल पर यौन शोषण की शिकायत सबसे पहले इसी कमेटी में जाती है।

स्कूल में गाली, गलौज, अश्लील टिप्पणी, छेड़छाड़ की घटनाओं से बच्चों पर गलत प्रभाव पड़ रहा है। बच्चे क ख ग के स्थान पर अश्लीलता का पाठ पड़ रहे हैं। स्कूल में पुलिस ने शिक्षक और शिक्षिकाओं से पूछताछ की है। स्कूल में पुलिस का आना चर्चा का विषय बना हुआ है। इस प्रकरण में नरेश पारस बीएसए को अपनी रिपोर्ट सौपेंगे।




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