आगरा: लोकसभा चुनावों के तीसरे चरण में जनपद की दोनों लोकसभा सीटों पर सात मई को मतदान होना है। इसके लिए प्रशासन ने तैयारियां तेज कर दी हैं। संभागीय परिवहन कार्यालय भी चुनाव कार्यों के लिए वाहनों को जुटाने में लगा हुआ है। विभाग ने ताजा चेतावनी जारी करते हुए कहा है कि चुनाव के लिए वाहन न देने वालों के खिलाफ एफआईआर भी दर्ज कराई जा सकती है।
बता दें कि भारी और हल्के व्यवसायिक वाहनों के अलावा निजी वाहनों को भी चुनाव ड्यूटी में लगाए जाने की तैयारी है। निजी वाहनों को अपनी गाड़ी ड्राइवर के साथ प्रशासन को उपलब्ध करानी होगी। यदि ड्राइवर नहीं है तो मालिक को गाड़ी के साथ सेवाएं देनी होंगी।
सहायक सम्भागीय परिवहन अधिकारी (प्रवर्तन) आलोक कुमार ने बताया कि तीसरे चरण के मतदान के लिए कुल 2468 वाहनों की आवश्यकता है। इनमें 997 बस एवं 1471 हल्के वाहनों की जरूरत है। अधिग्रहण के लिए सभी वाहन स्वामियों को नोटिस भेजे जा रहे हैं।
पुलिस, प्रशासनिक अधिकारी, पैरामिलिट्री बल के जवान आदि को मतदान केंद्र तक लाने और ले जाने के लिए इस बार 2468 वाहनों की सूची तैयार की गई है। इनके अधिग्रहण के लिए ट्रान्सपोर्टरों के साथ वाहन स्वामियों को भी नोटिस भेजे जा रहे हैं। उनको तीन और चार मई को वाहन प्रशासन को सुपुर्द करने होंगे। यदि सुपुर्दगी में अनदेखी बरती जाती है तो ऐसे वाहन स्वामी व चालक के विरुद्ध प्राथमिक की दर्ज करायी जाएगी। हल्के वाहन तीन मई को देने होंगे। उन्हें डायट परिसर पचकुंईया में खड़ा कराया जायेगा। बसों को चार मई को प्रशासन को देना होगा। सीएनजी बस नवीन गल्ला मण्डी समिति, आगरा तथा डीजल बस खेरागढ़ मण्डी समिति खेरागढ़ में खड़ी कराई जाएंगी।
कानून में है किसी भी वाहन के अधिग्रहण का प्रावधान
लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम 1951 की धारा 160 में चुनाव से जुड़े काम के लिए परिसर और वाहन की मांग का प्रावधान है। किसी भी मतदान केंद्र तक या वहां से मतपेटियों के परिवहन, या ऐसे चुनाव के संचालन के दौरान व्यवस्था बनाए रखने के लिए पुलिस बल के सदस्यों के परिवहन, या परिवहन के उद्देश्य से किसी वाहन, जहाज या जानवर की आवश्यकता होती है या होने की संभावना है तो सरकार लिखित आदेश द्वारा ऐसे परिसर, या ऐसे वाहन, जहाज या जानवर की संबंधित व्यक्ति से मांग कर सकती है।
किराए में 40 प्रतिशत की वृद्धि
आलोक कुमार ने बताया कि इस बार चुनाव में प्रयोग होने वाले वाहनों के किराए में 40 प्रतिशत की वृद्धि की गई है, जबकि पिछले आम चुनाव में यह वृद्धि मात्र 10 प्रतिशत तक हुई थी। वाहन स्वामी तभी से इसे बढ़ाने की मांग कर रहे थे। वाहन स्वामियों के लिए यह खुशी की बात है।