आगरा। गुरुद्वारा गुरु का बाग, मधुनगर में ‘बंदी छोड़ दिवस’ के पावन अवसर पर 20 और 21 सितम्बर 2025 को भव्य कीर्तन समागम का आयोजन किया जा रहा है।
कार्यक्रम के अंतर्गत 20 सितम्बर (शनिवार) को शाम 7:30 बजे से रात्रि 10:30 बजे तक और 21 सितम्बर (रविवार) को प्रातः 7:30 बजे से दोपहर 2:00 बजे तक महान कीर्तन दरबार सजाया जाएगा।
समागम में प्रसिद्ध कीर्तनीय जत्था भाई भूपिंदर सिंह जी (हजूरी रागी, श्री दरबार साहिब, अमृतसर) एवं कथा वाचक भाई अंग्रेज सिंह जी (हेड ग्रंथी, गुरुद्वारा शीशगंज साहिब, दिल्ली) संगत को शबद-कीर्तन और कथा द्वारा निहाल करेंगे।
गुरुद्वारा प्रबंधक समिति ने समस्त संगतों से परिवार सहित शामिल होकर गुरमत विचार और शबद-कीर्तन का लाभ लेने की अपील की है। इस दौरान गुरु का अटूट लंगर भी बरतेगा।
बंदी छोड़ दिवस का महत्व
बंदी छोड़ दिवस सिख इतिहास की उस महान घटना की स्मृति में मनाया जाता है जब गुरु हरगोबिंद साहिब जी ने ग्वालियर किले से स्वयं की रिहाई के साथ-साथ 52 हिंदू राजाओं को भी मुक्त कराया था। इस घटना ने न केवल धार्मिक स्वतंत्रता बल्कि मानवता और न्याय के मूल्यों को भी सुदृढ़ किया। इसीलिए इसे “सिखों का दिवाली पर्व” भी कहा जाता है।
मुख्य बेनतीकर्ता: नरेंद्र सिंह लालिया, अर्जिदर पाल सिंह, श्याम भोजवानी, मलकियत सिंह, सतनाम सिंह, जगजीत सिंह वाधवा, राजवीर सिंह, अरविंदर पाल ओबरोय, सुरेंद्र सिंह, अमरजीत सिंह, जसप्रीत सिंह मेहर, रंजीत सिंह, रविंद्र सिंह, गुरविंदर सिंह सोबती।
रिपोर्टर- पुष्पेंद्र गोस्वामी