Agra News: रॉन्ग साइड पर माफी के बाद भी पुलिस की कथित बर्बरता, युवक का सिर ऑटो में दे मारा, शांति भंग में भी कर दिया चालान

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आगरा: पुलिस कमिश्नरेट के किरावली थाने में कथित थर्ड डिग्री के मामले की गूंज अभी थमी भी नहीं थी कि सिकंदरा थाना क्षेत्र से पुलिस की कथित बर्बरता का एक और गंभीर मामला सामने आ गया है। आरोप है कि रॉन्ग साइड बाइक चलाने की गलती स्वीकार कर माफी मांगने के बावजूद एक दरोगा ने युवक के साथ न केवल गाली-गलौज की, बल्कि उसका सिर पास खड़े ऑटो में दे मारा। इसके बाद युवक को जबरन थाने ले जाकर शांति भंग की धारा 151 में चालान कर दिया गया और उसकी मोटरसाइकिल भी सीज कर दी गई।

यह घटना 19 दिसंबर की बताई जा रही है। पीड़ित योगेश शर्मा, निवासी सिकंदरा, अपने छोटे भाई के साथ कैलाश मंदिर की ओर जा रहा था। रास्ते में सिकंदरा क्षेत्र में तैनात दरोगा नीरज सोलंकी ने उन्हें रॉन्ग साइड चलने के आरोप में रोक लिया। योगेश के अनुसार उसने तुरंत अपनी गलती स्वीकार कर माफी मांगी और बाइक पीछे मोड़ ली, इसके बावजूद दरोगा ने बाइक की तस्वीर खींच ली।

योगेश का आरोप है कि जब उसने फोटो लेने का कारण पूछा तो दरोगा भड़क गया और गाली-गलौज शुरू कर दी। इसके बाद बाइक की चाबी निकाल ली गई और बाइक सीज करने व जेल भेजने की धमकी दी गई। योगेश का कहना है कि उसने हेलमेट पहने होने और सभी वैध कागजात दिखाने की बात कही, लेकिन इससे पुलिस और अधिक आक्रामक हो गई।

पीड़ित का आरोप है कि इसी दौरान दरोगा और अन्य पुलिसकर्मियों ने उसका सिर पास खड़े टेंपो (ऑटो) में दे मारा, जिससे सिर फट गया और खून बहने लगा। घायल अवस्था में ही उसे जबरन थाने ले जाया गया और धारा 151 में चालान कर दिया गया। योगेश ने यह भी आरोप लगाया कि चालान के कागजात में उसकी मोटरसाइकिल के नंबर के साथ किसी दूसरी एक्टिवा की फोटो लगाई गई, जिससे पूरे मामले पर संदेह और गहरा गया है।

योगेश के अनुसार थाने में मौजूद इंस्पेक्टर ने भी इस घटना पर नाराजगी जताई और दरोगा को फटकार लगाते हुए कहा कि “तुम किसी दिन पूरा थाना नपवा दोगे”, लेकिन इसके बावजूद कार्रवाई नहीं रोकी गई। पीड़ित का कहना है कि एसीपी कोर्ट से जमानत कराने में उसे 10 से 12 हजार रुपये तक खर्च करने पड़े, जबकि उसकी आर्थिक स्थिति बेहद कमजोर है।

मानसिक और शारीरिक प्रताड़ना से आहत योगेश शर्मा ने मुख्यमंत्री पोर्टल पर शिकायत दर्ज कराई है और मानवाधिकार आयोग में भी शिकायत करने की बात कही है। पीड़ित द्वारा अपनी आपबीती का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल किया गया है, जिसके बाद पुलिस की कार्यप्रणाली और कथित क्रूरता पर गंभीर सवाल खड़े हो गए हैं। योगेश ने पुलिस आयुक्त से निष्पक्ष जांच और न्याय की गुहार लगाई है।

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