Agra News: शैक्षिक महासंघ ने उठाई शिक्षा सत्र में बदलाव की मांग, विधान परिषद चुनाव में भागीदारी तय

स्थानीय समाचार

राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ उत्तर प्रदेश की प्रदेश कार्यसमिति का चुनाव 13 जुलाई को लखनऊ में होगा। लखनऊ में सम्पन्न कार्यसमिति बैठक में शिक्षकों की समस्याओं, शिक्षा सत्र में बदलाव, रिक्त पदों पर भर्ती और विधान परिषद चुनाव में प्रत्याशी उतारने जैसे अहम प्रस्ताव पारित हुए।

लखनऊ में 11 मई को सम्पन्न बैठक में राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ की प्रदेश कार्यसमिति एवं साधारण सभा ने शिक्षा से जुड़े अनेक मुद्दों पर मंथन किया। बैठक में उपस्थित वरिष्ठ उपाध्यक्ष डॉ. देवी सिंह नरवार ने आगरा लौटकर बताया कि महासंघ की प्रदेश कार्यसमिति का निर्वाचन 13 जुलाई को लखनऊ में सम्पन्न होगा।

बैठक में प्रस्ताव पारित किया गया कि वर्तमान 1 अप्रैल से 31 मार्च तक का शिक्षा-सत्र शिक्षकों और छात्रों, दोनों के लिए अनुपयोगी है। अप्रैल से सितंबर तक छात्रों के देर से नामांकन, अर्धवार्षिक परीक्षाओं का समय और सीमित शिक्षण अवधि पढ़ाई को प्रभावित करती है। इसलिए शिक्षा सत्र को पूर्व की भांति 1 जुलाई से 30 जून तक करने की मांग सरकार से की जाएगी।

बैठक में तय किया गया कि प्राथमिक, माध्यमिक, उच्च शिक्षा और तकनीकी शिक्षा संवर्ग की समस्याओं को अलग-अलग ज्ञापन के रूप में तैयार कर मुख्यमंत्री को सौंपा जाएगा।

इसके अलावा प्रदेश के प्राथमिक और माध्यमिक विद्यालयों में सहायक अध्यापकों, प्रवक्ताओं तथा प्रधानाचार्यों के रिक्त पदों पर शीघ्र नियुक्ति की मांग भी प्रमुख रही।

एमएलसी चुनाव में भागीदारी का संकेत

डॉ. नरवार ने बैठक में प्रस्ताव रखा कि दिसंबर 2026 में होने वाले उत्तर प्रदेश विधान परिषद के शिक्षक और स्नातक खंड के चुनाव में महासंघ अपने प्रत्याशी उतारे। इस प्रस्ताव को सर्वसम्मति से समर्थन मिला और इसे आगामी बैठक में अंतिम रूप देने पर सहमति बनी।

भविष्य की योजनाएं

महासंघ के स्थायी आयोजनों जैसे ‘गुरु वंदन’, स्थापना दिवस (8 नवंबर) और ‘कर्तव्य बोध’ कार्यक्रमों को पूरे प्रदेश में भव्यता से मनाने का निर्णय भी लिया गया। जनपदीय, मंडलीय और प्रादेशिक सम्मेलन नई कार्यसमिति के गठन के बाद आयोजित किए जाएंगे। बैठक में आगरा से डॉ. के.पी. सिंह को साधारण सभा का सदस्य मनोनीत किया गया।

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