Agra News: भक्ति के दिव्य पलों में सराबोर हुआ गोवर्धन, गिरिराज महाराज को अर्पित हुआ भव्य छप्पन भोग, सेवा-श्रृंगार और श्रद्धा का अनुपम संगम

Press Release

आगरा/गोवर्धन। गिरिराज महाराज की अनुपम कृपा और वैष्णव परंपरा की पवित्र भावना के बीच श्री गिरिराज जी सेवक मंडल परिवार, आगरा के तत्वावधान में श्री गुरु कार्ण्षि आश्रम में आयोजित दो दिवसीय श्री गिरिराज जी छप्पन भोग मनोरथ श्रद्धा, वैभव और अनुशासन के साथ संपन्न हुआ। बड़े परिक्रमा मार्ग, आन्योर स्थित इस आयोजन ने गोवर्धन धाम को भक्ति और सेवा के आलोक से सराबोर कर दिया।

रथ पर विराजे ठाकुर जी, जयघोषों से गूंजा गोवर्धन

उत्सव के दिन जैसे ही ठाकुर जी सूर्य गरुड़ ध्वजा रथ पर विराजमान होकर दर्शनार्थ प्रकट हुए, पूरा गोवर्धन “जय गिरिराज महाराज” के जयघोषों से गूंज उठा। श्रद्धालुओं की उमड़ी भीड़ ने इस अलौकिक दर्शन को भाव-विभोर होकर निहारा।

कलश यात्रा से आरंभ, छप्पन भोग दर्शन तक उत्सव

प्रातः बाल भोग के उपरांत चांदी के कलशों के साथ भव्य कलश यात्रा निकाली गई। वैदिक मंत्रोच्चार के बीच आयोजन स्थल पर विधिवत कलश स्थापना हुई। हरि ओम महाराज और महंत कपिल नागर के मार्गदर्शन में दीप प्रज्वलन के साथ दिव्य छप्पन भोग मनोरथ दर्शन आरंभ हुए।

चांदी के थाल में 56 भोग, 1100 छबरियों में अर्पण

ठाकुर जी को 11 किलो वजनी चांदी के विशाल थाल में विविध प्रकार के छप्पन भोग अर्पित किए गए। साथ ही 1100 छबरियों में भी भोग समर्पित हुआ। ठाकुर जी का श्रृंगार—हीरे-जड़े आभूषण, चांदी की छड़ी और रथ पर विराजमान गिरिराज महाराज—भक्तों के आकर्षण का केंद्र रहा।

साधु-संत सेवा और विशाल महाप्रसादी

छप्पन भोग दर्शन के साथ 501 साधु-संतों की सेवा कर उन्हें प्रसादी कराई गई। इसके बाद भक्तों के लिए विशाल महाप्रसादी (भाव भोजन) का आयोजन हुआ, जिसमें हजारों श्रद्धालुओं ने प्रसाद ग्रहण कर पुण्य लाभ प्राप्त किया।

भजन संध्या में रस-भाव, रात्रि में दुग्ध भोग

संध्याकाल की भव्य भजन संध्या ने वातावरण को रस, भाव और भक्ति से भर दिया। दक्षिण भारतीय कलाकारों द्वारा प्रस्तुत भजन, कीर्तन और झांकियों ने श्रद्धालुओं को भाव-विभोर किया। रात्रि में ठाकुर जी को चांदी के पात्र में अमृत तुल्य विशेष दुग्ध भोग अर्पित किया गया।

शयन आरती के साथ अलौकिक समापन

समापन अवसर पर शयन आरती संपन्न हुई। दीपों की ज्योति, शंखनाद और घंटियों की मधुर ध्वनि के बीच आरती का दृश्य अत्यंत भावपूर्ण रहा, मानो गोवर्धन धरा स्वयं इस क्षण की साक्षी बन गई हो।

द्वादश ज्योतिर्लिंग थीम ने बढ़ाया वैभव

आयोजन स्थल की सजावट द्वादश ज्योतिर्लिंग की दिव्य थीम पर की गई। लगभग 20 फीट ऊंचा भव्य प्रवेश द्वार, झूमरों और कलात्मक सज्जा से सुसज्जित रहा। प्रवेश पर स्थापित विशाल शिवलिंग के दर्शन से श्रद्धालुओं ने भोलेनाथ की कृपा पाई। मुख्य पंडाल में ठाकुर जी को 40 फीट ऊंचे और 50 फीट चौड़े भव्य मंच पर विराजमान किया गया, जिसने संपूर्ण गोवर्धन धाम को अलौकिक तीर्थ-रूप प्रदान किया।

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