Agra News: डीपीएस स्कूल और बस में रैगिंग से बीमार पड़ा छह साल का बच्चा, एसीपी करेंगे जांच

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आगरा, 06 मार्च। प्रोग्रेसिव एसोसिएशन ऑफ़ पेरेंट्स अवेयरनेस (पापा) ने गुरुवार को प्रेसवार्ता करते हुए आरोप लगाया कि दयालबाग स्थित डीपीएस स्कूल के कक्षा प्रेप टू के छात्र को कक्षा दो के छात्र द्वारा मानसिक रूप से प्रताड़ित किया गया। छह वर्षीय मासूम बच्चे के साथ रैगिंग के नाम पर की गई अमानवीय प्रताड़ना, मारपीट, जूते उठवाना, जूते पर थूक कर जूते चटवाना एवं जान से मारने की धमकी देना शामिल है। स्कूल के बाथरूम में बंद किया गया, स्कूल से घर आते समय बस के अंदर उसे चांटे लगवाए गए तथा अन्य बच्चों के सामने उस बच्चे को जलील करने हेतु अन्य कृत्य भी किए गए।

इस दौरान अभिभावकों ने आरोप लगाया कि जब इस विषय में स्कूल प्रबंधन ने किसी भी तरह की जिम्मेदारी लेने से मना कर दिया। इसके बाद अभिभावक बच्चे के साथ पुलिस उप आयुक्त संजीव त्यागी से मिले तो उन्होंने मामले को गंभीरता से लेते हुए एसीपी को जांच एवं कार्रवाई के निर्देश दिए हैं।

बस में हुआ दुर्व्यवहार, अटेंडेंट निलंबित, मिलने नहीं आ रहे अभिभावक – डीपीएस प्रबंधन

इस बारे में डीपीएस के प्रबंध निदेशक सुनील अग्रवाल ने मीडिया से कहा कि दो दिन पहले जैसे ही उन्हें इस घटना की टेलीफ़ोन पर जानकारी मिली तो उन्होंने तत्काल प्रभाव से बस की अटेंडेंट को निलंबित कर दिया और दो सदस्यीय जांच कमेटी गठित कर दी। उन्हें बताया गया कि छह साल के बच्चे के साथ यह व्यवहार बस में आते-जाते समय हुआ, इसलिए अटेंडेंट को सस्पेंड किया है। उन्होंने बताया कि स्कूल प्रबंधन द्वारा शिकायतकर्ता बच्चे के अभिभावकों को लगातार फ़ोन कर बुलाया जा रहा है पर वे आने को तैयार नहीं हैं। जिस आठ साल के बच्चे पर आरोप लगाया जा रहा है, उसके अभिभावक भी इस मामले में आमने-सामने बैठकर बात करना चाहते हैं। उन्होंने बताया कि इस मामले में अभी तक उनके पास लिखित शिकायत भी नहीं आई है। टेलीफोनिक शिकायत पर ही उन्होंने कार्रवाई की है। कमेटी से जांच भी करा रहे हैं।

एक माह से बीमार पड़ा बच्चा

बच्चे के पिता सौरभ गुम्बर ने बताया कि बच्चे को एक माह पहले बुखार आना शुरू हुआ और यह अचानक से कांपने लगता था हमने शहर के तीन से चार अलग-अलग डॉक्टर को दिखाया और कई चेकअप इसके करवाये लेकिन उन जांचों में किसी भी प्रकार की कोई नेगेटिव रिपोर्ट नहीं आई। एक हफ्ता पहले बच्चा नींद में बड़बड़ाने लगा कि “वह मुझे मारेगा।” तब हमने अगले दिन परिवार के अन्य सदस्यों के सामने बच्चे को प्यार और दिलासा देकर पूछा तब मालूम पड़ा कि उसके स्कूल में ही पढ़ रहे कक्षा 2 के छात्र ने उसकी जबरदस्त रैगिंग की जिसकी वजह से उसने सामान्य बच्चों जैसा व्यवहार करना छोड़ दिया है।

बच्चे की मां आँचल गुम्बर ने बताया कि तीन दिन पहले स्कूल की बस आने पर उन्होंने बच्चे से पूछा कि कौन सा बच्चा है हमें दिखाओ तो हमारे बच्चे ने डरते-डरते एक बच्चे की तरफ उंगली उठाई। इसको देख अन्य बच्चे भी सहमे हुए नजर आने लगे और बताने लगे कि हां इसके साथ यह यह सब किया गया है, हमने जब इस विषय में स्कूल बात की तो स्कूल ने किसी भी तरह की जिम्मेदारी लेने से मना कर दिया।

पीड़ित बच्चे के पिता सौरभ गुम्बर ने बताया कि यह समस्या हमारे बच्चे की तबीयत खराब होने पर सामने आई, न जाने और ऐसे कितने बच्चे होंगे जो इस तरह की समस्या का शिकार हो रहे होंगे, इसको लेकर जागरूकता आनी चाहिए। स्कूल अपनी जिम्मेदारी से मुक्त नहीं हो सकता- सरीन “पापा” संस्था के संयोजक दीपक सिंह सरीन का कहना है कि डीपीएस दयालबाग और शास्त्रीपुरम शाखा के खिलाफ पूर्व में कई कई शिकायतें लंबित हैं। बच्चा एक महीने से मानसिक ट्रॉमा में है और स्कूल अपनी जिम्मेदारी लेने से बच रहा है जबकि स्कूल में जाने के बाद घर तक आने तक बच्चे की पूरी जिम्मेदारी स्कूल के प्रिंसिपल, प्रबंधन उसके स्टाफ आदि की ही होती है, ऐसे में स्कूल अपना पल्ला झाड़कर अपनी जिम्मेदारी से मुक्त नहीं हो सकता। उन्होंने कहा कि बड़े अधिकारियों के बच्चे भी इस स्कूल में पढ़ते हैं, इसलिए शिक्षा विभाग इस स्कूल के खिलाफ साक्ष्य होने पर भी कार्रवाई करने से बचता है।

प्रेस वार्ता में भारत भूषण गूंभर, सुमित सक्सेना, ज्योति मौर्या, राजीव, मनोज गोयल, कंचन शर्मा आदि मौजूद रहे।

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