मथुरा में लंबित प्रकरणों के शीघ्र निस्तारण और आगरा-फिरोजाबाद में सुधार पर जोर
आगरा: मण्डलायुक्त श्री शैलेन्द्र कुमार सिंह की अध्यक्षता में सोमवार को आगरा मण्डल के कर करेत्तर कार्यों एवं राजस्व वाद निस्तारण की ऑनलाइन समीक्षा बैठक सम्पन्न हुई। बैठक में चारों जिलों — आगरा, मथुरा, फिरोजाबाद और मैनपुरी — की विभागवार प्रगति की विस्तार से समीक्षा की गई। मण्डलायुक्त ने संबंधित अधिकारियों को कर वसूली, राजस्व वाद निस्तारण, खतौनी प्रविष्टि, तथा चकबंदी कार्यों में पारदर्शिता और गति लाने के निर्देश दिए।
कर करेत्तर वसूली में सुधार के निर्देश
मण्डलायुक्त ने कहा कि वाणिज्य कर में फिरोजाबाद और मैनपुरी की प्रगति में सुधार की आवश्यकता है, जबकि मथुरा में लक्ष्य के अनुरूप धनराशि की वसूली सुनिश्चित की जाए।
स्टाम्प एवं रजिस्ट्रेशन विभाग में फिरोजाबाद और मैनपुरी में क्रमिक वसूली कम होने पर नाराजगी जताते हुए प्रगति बढ़ाने के निर्देश दिए गए।
परिवहन विभाग में फिरोजाबाद के विद्युत देय तथा मैनपुरी की वसूली प्रगति पर विशेष ध्यान देने को कहा गया। खनिज विभाग में मैनपुरी की प्रगति सराहनीय, जबकि मथुरा और फिरोजाबाद की प्रगति में सुधार लाने के निर्देश दिए गए।
राजस्व वाद निस्तारण पर सख्त रुख
राजस्व वादों के निस्तारण की समीक्षा के दौरान मण्डलायुक्त ने बताया कि मैनपुरी तीसरे स्थान, आगरा 9वें स्थान, मथुरा 25वें स्थान, फिरोजाबाद 26वें स्थान पर है।
उन्होंने कहा कि सभी राजस्व न्यायालयों में नियमित सुनवाई कर लंबित वादों का शीघ्र निस्तारण किया जाए, विशेषकर 5 वर्ष से अधिक पुराने प्रकरणों को प्राथमिकता दी जाए।
धारा 24, 33, 34, 38(2), 67, 101 और 116 के अंतर्गत लंबित प्रकरणों की अलग-अलग समीक्षा की गई।
मण्डलायुक्त ने फिरोजाबाद और मथुरा में 1 वर्ष से अधिक लंबित वादों के निस्तारण पर विशेष बल दिया और आगरा में धारा 67, फिरोजाबाद में धारा 101 के अंतर्गत लंबित वादों को शीघ्र निपटाने को कहा।
मुख्यमंत्री कृषक दुर्घटना कल्याण योजना पर विशेष ध्यान
बैठक में मथुरा जिले में सबसे अधिक लंबित 109 प्रकरणों का त्वरित निस्तारण कराने के निर्देश दिए गए।
अंश निर्धारण कार्य में फिरोजाबाद की प्रगति सराहनीय बताई गई, जबकि मैनपुरी और मथुरा में सुधार के लिए निर्देश जारी किए गए।
मण्डलायुक्त ने कहा कि त्रुटि सुधार प्रार्थना पत्रों की संख्या बढ़ने पर सभी लंबित प्रकरणों को प्राथमिकता से निस्तारित किया जाए।
खतौनी व स्वामित्व योजना की समीक्षा
मण्डलायुक्त ने रियल टाइम खतौनी और स्वामित्व योजना की प्रगति की समीक्षा करते हुए कहा कि “गांवों में अवशेष चकबंदी का कार्य नियमित रूप से किया जाए और प्रपत्र 5, 7 और 9 के अवशेष कार्यों को शीघ्र पूर्ण किया जाए।”
उन्होंने सभी अपर जिलाधिकारियों को रिपोर्ट प्रस्तुत करने के निर्देश दिए।
अधिकारियों को फटकार और चेतावनी
मण्डलायुक्त ने कहा कि आगरा, फिरोजाबाद और मथुरा के उपजिलाधिकारी व तहसीलदार न्यायालयों में वादों के निस्तारण की गति बहुत धीमी है।
उन्होंने बाह, जसराना, सिरसागंज के उपजिलाधिकारी और खेरागढ़ व टूंडला के तहसीलदारों को फटकार लगाते हुए स्पष्ट किया कि “प्रत्येक उपजिलाधिकारी, तहसीलदार और नायब तहसीलदार प्रतिमाह कम से कम 100 वादों का निस्तारण करें, अन्यथा जिम्मेदारी तय की जाएगी।”
साथ ही कहा गया कि कम्प्यूटरीकृत प्रबंधन प्रणाली पोर्टल पर सभी वादों की प्रविष्टि अनिवार्य रूप से की जाए, और प्रविष्टि में लापरवाही पर कार्रवाई की जाएगी।
पुनरीक्षण अभियान पर भी दिए निर्देश
वर्तमान में चल रहे विशेष गहन पुनरीक्षण अभियान को लेकर मण्डलायुक्त ने निर्देश दिए कि बीएलओ सही ढंग से कार्य करें, सुपरवाइजर उनके कार्यों का नियमित फीडबैक लें और तहसील स्तर पर समर्पित निगरानी टीमें गठित की जाएं।
उन्होंने कहा कि “चुनाव संबंधी कार्यों में किसी भी प्रकार की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी।”
