Agra News: मूंग और मक्का के समर्थन मूल्य पर खरीद के लिए सरकारी केंद्र खोलने की मांग, किसानों ने कमिश्नर-डीएम को ज्ञापन सौंपा

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आगरा। जनपद में इस बार मूंग और मक्का की बंपर फसल हुई है, लेकिन सरकारी खरीद केंद्र न खोले जाने से किसान औने-पौने दामों पर अपनी उपज बेचने को मजबूर हैं। इससे आक्रोशित किसानों ने एकजुट होकर प्रशासनिक स्तर पर दो चरणों में विरोध दर्ज कराया। एक तरफ जिलाधिकारी को ज्ञापन देकर खरीद केंद्र खोले जाने की मांग की गई। दूसरी ओर कुछ अन्य किसानों ने मंडलायुक्त कार्यालय पर प्रदर्शन कर मुख्यमंत्री के नाम संबोधित ज्ञापन सौंपा।

किसान नेता मोहन सिंह चाहर के नेतृत्व में एक प्रतिनिधिमंडल ने जिलाधिकारी अरविंद कुमार मलप्पा बंगारी से मिलकर ज्ञापन सौंपा। मांग की गई कि जनपद में मूंग और मक्का के समर्थन मूल्य पर खरीद के लिए तत्काल सरकारी केंद्र खोले जाएं।

मोहन सिंह चाहर ने बताया कि मूंग का समर्थन मूल्य 8768 रुपये प्रति कुंतल और मक्का का 2400 रुपये प्रति कुंतल है, लेकिन खरीद केंद्र न होने से व्यापारी मूंग 6500 रुपये और मक्का 1800 रुपये प्रति कुंतल में खरीद रहे हैं। इससे किसानों को आर्थिक नुकसान हो रहा है और बिचौलिये मुनाफा कमा रहे हैं। उन्होंने सवाल उठाया कि अलीगढ़ जैसे जनपदों में खरीद केंद्र खोले जा चुके हैं, फिर आगरा में किसानों को यह सुविधा क्यों नहीं दी जा रही?

इस पर डीएम अरविंद कुमार मलप्पा बंगारी ने डिप्टी आरएमओ व आरएफसी को मूंग और मक्का की खरीद के लिए आवश्यक केंद्र खोलने के निर्देश दिए।

ज्ञापन सौंपने वालों में मोहन सिंह चाहर, चौधरी मान सिंह (पूर्व ब्लॉक प्रमुख), अजीत कुमार, महावीर प्रधान, भीष्मपाल सोलंकी, रतन सिंह आदि शामिल थे।

सरकारी खरीदी में देरी को लेकर किसानों ने मंडलायुक्त कार्यालय पर प्रदर्शन किया। इसके बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को संबोधित ज्ञापन मंडलायुक्त शैलेन्द्र कुमार सिंह को सौंपा गया।

किसान मजदूर नेता चौधरी दिलीप सिंह ने चेतावनी दी कि अगर तीन दिन में मूंग और मक्का की सरकारी खरीद शुरू नहीं हुई तो किसान सड़कों पर उतरकर आंदोलन करने को मजबूर होंगे। उन्होंने कहा कि जनपद में इस बार मूंग की खेती लगभग 25 हजार हेक्टेयर और मक्का की 10 हजार हेक्टेयर भूमि पर की गई है, लेकिन सरकार की ओर से अब तक समर्थन मूल्य पर कोई खरीद शुरू नहीं हुई।

प्रदर्शन करने और ज्ञापन सौंपने वालों में दाताराम लोधी, राकेश कुमार राजपूत, संतोष उपाध्याय, धीरज सिकरवार, चौधरी धारा सिंह, अरविन्द प्रताप सिंह, लक्ष्मी नारायण बघेल, चौधरी राजेंद्र सिंह, अरविन्द चौधरी, सत्यपाल सिंह जूरैल, बाबूलाल, राजीव ठाकुर, भोला पंडित, राजा बघेल, गजेंद्र सिंह इंदौलिया, दीवान सिंह, जितेंद्र सिंह चौधरी, अनिल वर्मा, हरदम सिंह, मनोज कुमार आदि शामिल थे। किसानों ने स्पष्ट किया कि यदि जल्द ही खरीद केंद्र नहीं खोले गए तो वे शासन-प्रशासन के खिलाफ उग्र आंदोलन करेंगे।

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