आगरा: जिलाधिकारी अरविन्द मल्लप्पा बंगारी के सख्त निर्देश पर खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन विभाग की टीम ने रविवार को खेरागढ़ क्षेत्र के बसई नवाब रोड स्थित बजरंग डेयरी पर छापा मारकर कृत्रिम दूध निर्माण का भंडाफोड़ किया। छापेमारी के दौरान भारी मात्रा में मिलावटी दूध, रासायनिक पदार्थ और अपमिश्रक सामग्री बरामद की गई।
अभिसूचना के आधार पर की गई इस कार्रवाई का नेतृत्व खाद्य सुरक्षा अधिकारी सुरेन्द्र कुमार चौरसिया ने किया। उनके साथ अधिकारी चन्द्र विजय सिंह, राकेश कुमार यादव, कृष्ण चन्द्र पटेल और राकेश कुमार की टीम मौजूद रही।
मौके से बरामद सामग्री
मौके से टीम को कृत्रिम दूध निर्माण में प्रयुक्त बड़ी मात्रा में रासायनिक और खाद्य अपमिश्रक सामग्री मिली।
स्किम्ड मिल्क पाउडर: 18 बैग (प्रति बैग 25 किग्रा), कुल मूल्य ₹1,18,250
रिफाइंड पामोलिन ऑयल: 70 टिन (प्रति टिन 15 किग्रा, ₹2,775), कुल ₹1,94,250
वनस्पति: 36 टिन (प्रति टिन 15 किग्रा, ₹2,000), कुल ₹72,000
सर्विटोल: 5 ड्रम (प्रति ड्रम 300 किग्रा, ₹15,000), कुल ₹75,000
अज्ञात तरल अपमिश्रक: 5 ड्रम (कुल मूल्य ₹67,500)
इसके अतिरिक्त मिक्सर मशीन, साइलो टैंक और चिलिंग डाक में लगभग 5,300 लीटर मिश्रित दूध पाया गया, जिसे मौके पर ही जब्त कर नष्ट कर दिया गया। जब्त दूध का अनुमानित मूल्य ₹2,65,000 आँका गया।
जांच के लिए भेजे गए नमूने
टीम द्वारा मिश्रित दूध, अपमिश्रक तरल पदार्थ, सर्बिटोल, वनस्पति, रिफाइंड ऑयल और स्किम्ड मिल्क पाउडर के नमूने एकत्र कर जांच हेतु प्रयोगशाला भेजे गए हैं। रिपोर्ट प्राप्त होने पर आगे की विधिक कार्रवाई की जाएगी।
एफआईआर दर्ज और प्रतिष्ठान सील
मौके पर मौजूद पवन कुमार शर्मा, निवासी अम्बाह, मुरैना (म.प्र.), ने स्वयं को प्रतिष्ठान का मैनेजर बताया। उसने बताया कि प्रतिष्ठान का मालिक प्रमोद शर्मा, निवासी वैरई गिर्द, सबलगढ़, मुरैना (म.प्र.) है।
दोनों के विरुद्ध सुसंगत धाराओं में एफआईआर दर्ज कराई गई है। वहीं, जनहित को देखते हुए प्रतिष्ठान का संचालन तत्काल बंद करा दिया गया।
डीएम का सख्त संदेश
जिलाधिकारी अरविन्द मल्लप्पा बंगारी ने कहा कि, “जनता के स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ करने वालों के खिलाफ किसी भी कीमत पर नरमी नहीं बरती जाएगी। खाद्य सुरक्षा विभाग की कार्रवाई लगातार जारी रहेगी।”
खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन विभाग ने भी स्पष्ट किया है कि मिलावटखोरी के खिलाफ अभियान पूरे जनपद में लगातार जारी रहेगा, ताकि उपभोक्ताओं तक केवल शुद्ध एवं सुरक्षित खाद्य सामग्री ही पहुंच सके।
