आगरा। कमला नगर थाना क्षेत्र के बल्केश्वर स्थित श्री महालक्ष्मी मंदिर परिसर में लगी ग्रिलनुमा दीवार के ढहने से हुए हादसे को लेकर प्रशासन अब यह मानने लगा है कि इस हादसे में कोई जनहानि नहीं हुई है। इसकी वजह यह है कि अभी तक पुलिस या प्रशासन को किसी ने यह सूचना नहीं दी है कि उनके परिवार के लोग लापता हैं। हालांकि हादसे वाली जगह पर लोगों की संख्या को लेकर जिस तरह की बातें कही जा रही थीं, उसे देखते हुए उफनती यमुना में गोताखोरों द्वारा तलाश जारी है। एनडीआरएफ भी मौके पर पहुंच गई है।
जिलाधिकारी अरविंद मलप्पा बंगारी ने घटनास्थल का दौरा करने के बाद कहा कि यमुना हादसे को लेकर फिलहाल कोई मिसिंग नहीं है। हादसे में पांच लोग घायल हुए हैं, लेकिन हादसे की वजह से कोई यमुना में न तो नहीं गिरा है, इसलिए गोताखोरों के जरिए तलाशी का काम कराया जा रहा है। पुलिस और प्रशासन की टीमें मौके पर मौजूद हैं। उन्होंने जनता से अपील की है कि वे यमुना के नजदीक नहीं जाएं।
इधर पुलिस कमिश्नरेट के मीडिया सेल ने भी एक बयान जारी कर कहा है कि बल्केश्वर में यमुना जी के किनारे बने हुए लक्ष्मी मंदिर परिसर की एक दीवार पानी में ढह गई है। सोशल मीडिया पर कई लोगों के पानी में गिरने की सूचना प्रसारित की जा रही है, जिसके संबंध में अवगत कराना है कि प्रत्यक्षदर्शियों द्वारा किसी को पानी में गिरते हुए नहीं देखा गया है। मौके पर पुलिस/प्रशासन की टीम तथा रेस्क्यू की टीमें मौजूद हैं।
मौके पर मौजूद पुलिस और प्रशासन की टीमें अपनी मौजूदगी में एनडीआरएफ की टीमों और गोताखोरों के जरिए घटनास्थल के आसपास यमुना में तलाशी अभी भी करा रही हैं। शुरुआती जानकारियों में कहा गया था कि दीवार ढहने के समय मौके पर दर्जनों लोग मौजूद थे। हालांकि मौके पर पहुंची पुलिस और अधिकारियों ने वहां मौजूद लोगों से पूछताछ की तो कोई मौजूद लोगों की निश्चित संख्या को नहीं बता सका।
पुलिस के पास एक परिवार के तीन लोगों के मिसिंग होने की सूचना पहुंची थी। ये लोग महालक्ष्मी मंदिर पर यमुना को देखने के लिए ही घर से आए थे। इससे पहले लगा कि कहीं इन लोगों के साथ हादसा तो नहीं हो गया, लेकिन कुछ ही समय बाद इस परिवार द्वारा पुलिस को सूचना दी गई कि उनके तीनों परिजन सकुशल घर पहुंच गये हैं। इसके बाद अधिकारियों ने भी राहत की सांस ली।
हादसे के वक्त इसी क्षेत्र के बाढ़ प्रभावित इलाकों का दौरा कर रहे विधायक पुरुषोत्तम खंडेलवाल तत्काल मौके पर पहुंच गये थे। इसके बाद पुलिस के वरिष्ठ अधिकारी और बाद में डीएम स्वयं मौके पर पहुंचे। इस समय तक पुलिस आसपास के लोगों से पूछताछ कर चुकी थी। हादसे के कई घंटे बाद भी किसी के लापता होने की जानकारी सामने नहीं आने पर प्रशासन ने भी मान लिया कि इस घटना से वही पांच-छह लोग प्रभावित हुए थे, जो दीवार गिरने से घायल हुए थे। ये लोग उसी समय निकाल लिए गए थे।
हादसा होने के बाद तो जितने मुंह उतनी बातें हो रही थीं। घटनास्थल पर मौजूदगी को लेकर भी तरह-तरह की बातें कही जा रही थीं, लेकिन जैसे-जैसे समय बीता, ये सारी जानकारियां अफवाहें ही साबित हुईं। हालांकि एहतियातन पुलिस और प्रशासन द्वारा यमुना में गोताखोरों के जरिए तलाशी का अभियान अभी भी चलवाया जा रहा है।