Agra News: एक पहल पाठशाला में बोले कपिल देव- पढ़ाई में दबाव नहीं, आनंद हो; शिक्षा चरित्र निर्माण की असली नींव

Press Release

आगरा। एक पहल पाठशाला के 16वें स्थापना दिवस पर आयोजित ‘लेजेंड्स मीट लर्नर’ कार्यक्रम में भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान कपिल देव ने छात्रों और शिक्षकों को जीवन, शिक्षा, अनुशासन और सफलता से जुड़े प्रेरक संदेश दिए। दीप प्रज्वलन के साथ शुरू हुए इस समारोह में मुख्य अतिथि कपिल देव के साथ स्वप्निल अग्रवाल, सुरेशचंद्र गर्ग, संतोष शर्मा, सुशील गुप्ता, सीए गौरव बंसल, पूनम सचदेवा, सीए आलोक अग्रवाल और मनोज बल सहित कई विशिष्ट अतिथि मौजूद रहे।

“पढ़ाई में आनंद होना चाहिए, दबाव नहीं”

छात्रों को संबोधित करते हुए कपिल देव ने कहा कि आज के बच्चे बेहद स्मार्ट हैं, उन्हें बस सही दिशा और प्रेरणा की जरूरत है। उन्होंने कहा कि जब पढ़ाई आनंद का विषय बन जाती है, तब विद्यार्थी स्वयं सीखने के लिए उत्साहित होते हैं। शिक्षा का उद्देश्य केवल डिग्री पाना नहीं, बल्कि चरित्र निर्माण है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का उदाहरण देते हुए उन्होंने कहा कि एकाग्रता और निरंतर मेहनत करने वाले व्यक्ति को कोई नहीं रोक सकता।

सम्मान, एकाग्रता और समर्पण सफलता की कुंजी

कपिल देव ने कहा कि अच्छा इंसान बनने की शुरुआत दूसरों का सम्मान करने से होती है। उन्होंने बच्चों से कहा—दृढ़ निश्चय कर लो, मंज़िल खुद रास्ता दिखा देगी। लड़कियों और शिक्षकों का सम्मान करना सीखना जरूरी है, तभी समाज आगे बढ़ेगा।

“जीरो नहीं बनाएंगे तो सौ का मज़ा कैसे आएगा?”

एक छात्र के असफलता से जुड़े सवाल पर कपिल देव ने कहा, “क्रिकेट में जब तक शून्य नहीं बनता, तब तक शतक का असली आनंद नहीं आता।” उन्होंने बच्चों को असफलताओं से सीखने और आगे बढ़ने की सलाह दी।
उन्होंने यह भी कहा कि यदि वे आज विद्यार्थी होते, तो पढ़ाई को प्राथमिकता देते, क्योंकि शिक्षा जीवन भर साथ रहती है।

“हर कोई तेंदुलकर या कोहली नहीं बन सकता”

कपिल देव ने कहा कि सिर्फ अधिक पैसा कमाना ही सफलता नहीं है। असली सफलता अपनी क्षमताओं को पहचानकर उनसे आगे निकलने में है। उन्होंने कहा कि सभी लोग सचिन या विराट नहीं बन सकते, लेकिन हर व्यक्ति अपने क्षेत्र में सर्वश्रेष्ठ बन सकता है।

अभिभावकों को नसीहत—बच्चों को मोबाइल थमाकर पीछा न छुड़ाएं

मोबाइल के बढ़ते प्रभाव पर उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा कि अभिभावक बच्चों को बिना जरूरत मोबाइल न दें। यदि देना पड़े तो समय निर्धारित करें, क्योंकि आज कई माता-पिता बच्चों को व्यस्त रखने के लिए मोबाइल थमा देते हैं, जिससे उनका ध्यान भटकता है।

विशिष्ट अतिथि स्वप्निल अग्रवाल के विचार

स्वप्निल अग्रवाल ने कहा कि वे आज भी रोज पढ़ते हैं, व्यायाम करते हैं और दिनचर्या का पालन करते हैं, जिससे ऊर्जा और सकारात्मकता बनी रहती है। उन्होंने कहा कि संघर्ष उन्हीं के हिस्से आता है जिनमें उससे लड़ने की क्षमता होती है।

कार्यक्रम का संचालन अध्यक्ष डॉ. ईभा गर्ग ने किया। स्वागत महासचिव मनीष राय ने किया तथा धन्यवाद ज्ञापन राजकुमार अग्रवाल ने दिया।

इस अवसर पर एसएचओ न्यू आगरा राजीव त्यागी, ममता गर्ग, डॉ. सरोज प्रशांत, कुनाल गुप्ता, प्रियंका अग्रवाल, सतीश अरोरा, सीए हनीश गुप्ता, रामानंद चौहान, गौतम सेठ, सीए गौरव सिंघल, गगन वर्मन, कांता माहेश्वरी, जूली अग्रवाल, शीतल अग्रवाल, अंकित खंडेलवाल, मानस राय, नवीन कुमार, अश्लेष मित्तल सहित कई लोग उपस्थित रहे।

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