Agra News: अवैध वेंडर व पेठा माफिया के कब्जे में आगरा कैंट स्टेशन, जिम्मेदार मौन

State's

आगरा। रेलवे सुरक्षा के नाम पर यात्रियों से हो रहा विश्वासघात! कैंट स्टेशन पर पेठा माफियाओं का तांडव जारी है और इस पूरे काले खेल का सरगना बना बैठा है वही विभाग जिस पर सुरक्षा का जिम्मेदार है। जिनके हाथों में होनी चाहिए थी यात्रियों की सुरक्षा, उन्होंने थाम लिया पेठा माफियाओं का हाथ। प्लेटफॉर्म से लेकर ट्रेन के डिब्बों तक, अवैध वेंडरों का जहर हर ओर घुल चुका है। यात्रियों की सेहत से खुलेआम खिलवाड़ हो रहा है और रेलवे का सिस्टम मौन है।

RPF की खाकी बनी पेठा माफियाओं की ढाल – सूत्र

इंस्टॉल की आड़ में परोसा जा रहा ज़हर

प्लेटफॉर्म नंबर 1 से लेकर 6 तक लगे इंस्टॉल्स सिर्फ दिखावा हैं, असली खेल इनकी आड़ में चल रहे अवैध वेंडरों का है। समोसे, पूरी, पेठा, चाय—जैसा जहर हर रूप में बिक रहा है। और इन्हें छूट देने वाले खुद हैं आरपीएफ के कर्मचारी, जिनके कंधों पर ज़िम्मेदारी थी यात्रियों की सुरक्षा, लेकिन जेबें भरने की हवस ने बदल डाला नज़रिया, रेलवे स्टेशन पर यात्रियों की सुरक्षा का पूरा जिम्मा आरपीएफ पर होता है अगर वाह चाहे तो उनकी मर्जी के बिना कोई अवैध कार्य करने वाला वेंडर ट्रेन से लेकर रेलवे स्टेशन के प्लेट फॉर्म पर भी नहीं नजर आ सकता लेकिन इसके विपरीत आगरा कैंट रेलवे स्टेशन पर दर्जनों अवैध वेल्डर आपको नजर आएंगे जिनपर आरपीएफ की मेहरबानी बानी हुई है यही वजह है की आये दिन प्लेटफार्म से लेकर ट्रेन मे यात्रा करने वाले यात्रियों के साथ लूट, चोरी, जहर खुरानी जैसी घटने देखने को मिल जाती है, जिसका कारण है अवैध वेंडर जिनकी कोई भी सूची ना रेलवे प्रशासन पर होती है ओर ना ही आरपीएफ के पास अगर आरपीएफ पुलिस अपना काम पुरी निष्ठा के ईमानदारी के साथ करें तो रेलवे स्टेशन के प्लेटफार्म से लेकर ट्रेन मे यात्रा करने वाले किसी भी यात्री के साथ कोई भी अप्रिय घटना घटित नहीं हो सकती है ।

सूत्रों से मिली जानकारी से ज्ञात हुआ है की यह खास नंबर 9675041952 बना है अवैध कारोबार की मास्टर चाबी, इसी नंबर से बंटता है स्टेशन पर वेंडरों को ब्लाइंड पास।

सूत्रों की मानें तो ल….. शर्मा RPF में पेठा माफियाओं का मसीहा बन हुआ है

RPF में तैनात ल…. शर्मा का नाम लगातार उभरकर सामने आ रहा है, जिस पर अवैध वेंडरों को संरक्षण देने के आरोप हैं। सूत्र बताते हैं कि यही व्यक्ति पेठा माफिया की कमाई का सेतु बना हुआ है। स्टेशन पर धड़ल्ले से चल रहा यह काला कारोबार, सिर्फ एक व्यक्ति की करतूत नहीं, बल्कि एक पूरे करप्ट सिंडिकेट का हिस्सा है। RPF जवान, जो रेलवे की संपत्ति की सुरक्षा के लिए तैनात थे, अब वेंडरों के निजी बॉडीगार्ड बन चुके हैं।यही वजह है की आए दिन ट्रेन से लेकर प्लेटफार्म पर लूट, चोरी, जहर खुरानी की घटनाओ मे दिन प्रतिदिन इजाफा हो रहा है

रेलवे सिस्टम बना भ्रष्टाचार की थाली, जिम्मेदार हुए मौन, यात्रियों की सेहत पर मण्डरा रहा है खतरा

कैंट स्टेशन अब ‘सुरक्षित स्टेशन’ नहीं, बल्कि भ्रष्टाचार का अड्डा बन चुका है। जहां चंद पैसे की खनक पर मिलती है छूट, और यात्रियों की सेहत को किया जा रहा है नज़रअंदाज़। तो वही रेलवे प्रशासन पूरी तरह से मौन है, शायद इसलिए क्योंकि पेठा माफिया की चांदी उनकी जेबों में खनक रही है। बड़ा सवाल ये है की आखिर इस सिंडिकेट पर क्यों नही लग पा रहा है अंकुश क्या रेलवे प्रशासन अपनी जिम्मेदारियों से बच रहा है ? या फिर किसी बड़ी अप्रिय घटना घटिन होने के बाद ही जिम्मेदार कुम्भकरणीय नींद से जागेंगे?

साभार सहित

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *