आगरा: चंबल नदी पर मछलियों की तस्करी रोकने गई वन विभाग की टीम को जान बचाना मुश्किल हो गया। तस्करों ने लाठी डंडों से हमला बोल दिया। टीम को जान बचाने की लिए दौड़ लगानी पड़ी। दबंगों ने वन विभाग के लोगों को जमीन पर गिरा गिराकर पीटा। इसमें वन दरोगा समेत 5 लोग घायल हो गए हैं। पुलिस ने घायलों को अस्पताल पहुंचाया है।
बता दें, शनिवार को वन विभाग की टीम मछली तस्करी की सूचना मिली कि चंबल नदी से गांव के दबंग मछली पकड़ रहे हैं। बीट में तैनात वन दरोगा राहुल जादौन अपने वनकर्मी योगेंद्र, राजेश कुमार, अनिरुद्ध यादव, योगेश कुमार वन्य जीव रक्षकों की टीम के साथ मौके पर पहुंच गए। चंबल नदी किनारे वाले स्थान पर कुछ लोग मछलियों का शिकार करके उन्हें बोरियों में भरकर इकट्ठा कर रहे थे।
वन विभाग की टीम ने घेराबंदी कर तस्करों को पकड़ लिया। इसके बाद तस्करों ने गांव में सूचना दे दी। गांव से काफी संख्या में पुरुष व महिलाएं लाठी डंडे लेकर मौके पर आ गए। वन कर्मियों का रास्ता रोक कर चारों तरफ से घेर लिया और लाठी डंडों से वन कर्मियों के ऊपर जानलेवा हमला कर दिया।
जमकर लाठी बरसाते रहे। वन दरोगा राहुल जादौन, योगेंद्र, राजेश कुमार, अनिरुद्ध यादव, योगेश कुमार गंभीर रूप से घायल हो गए। खून से लथपथ अवस्था में वन विभाग की टीम ने बीहड़ में कूद कर अपनी जान बचाई और थाने पहुंचे।
वहीं वन विभाग के उच्च अधिकारियों को हमले की घटना से अवगत कराया। जिस पर पुलिस ने सभी घायल वन कर्मियों को मेडिकल इलाज के लिए सीएचसी केंद्र बाह में भर्ती कराया। जहां से दरोगा की हालत गंभीर होने पर उसे हायर सेंटर भेजा गया है। पुलिस ने कुछ लोगों को हिरासत में लिया है। वन विभाग की टीम पर लाठी डंडों से हमला करने का लाइव वीडियो सामने आया है। वीडियो के माध्यम से आरोपियों की शिनाख्त की जा रही है।
चंबल में तस्करी का खेल
बासौनी क्षेत्र के अंतर्गत चंबल के बीहड़ में नदी किनारे बसे गांव के एक विशेष जाति के लोगों द्वारा जलीय जीवों की तस्करी का मामले अक्सर सामने आते रहते हैं। सूत्रों की माने तो बीहड़ किनारे बसे इन गांवों के तस्करों द्वारा बड़ी संख्या में कई प्रजाति की मछली और कछुओं को पकड़कर ऊंची कीमत पर बेचा जाता है।
चंबल से मछलियों का शिकार करके उन्हें फिरोजाबाद, आगरा, शिकोहाबाद, मैनपुरी, इटावा तक भेज दिया जाता है। चंबल नदी का पानी साफ और घना बीहड़ होने के कारण यहां अक्सर पुलिस और वन विभाग की गस्त नहीं हो पाती है। जिसका फायदा यहां के तस्कर उठाते हैं।