एल एस बघेल, आगराः रूस द्वारा यूक्रेन पर किए गए हमले में ताजनगरी का एक मेडिकल स्टूडेंट भी फंस गया है । वह डेनीप्रो सिटी में डेनीप्रो विश्विवद्यालय से एमबीबीएस कर रहा है ।
जहां उसके दो साथी और थे लेकिन वे कुछ ही दिन पहले आगरा आ गए थे लेकिन हाकी खिलाड़ी एवं व्यवसायी धर्मेंद्र बघेल का बेटा आदित्य बघेल निवासी ईदगाह कालोनी, आगरा वहीं रह गया । उसने 26 फरवरी की फ्लाइट बुक करायी थी । इस बीच युद्ध शुरू हो गया । जिसके कारण परिजन चिंता में पड़ गए हैं ।आटो पार्ट् स व्यवसायी धर्मेंद्र बघेल का कहना है कि आज ही दोपहर में उनकी बेटे से बातचीत हुई है । जिसमें उसने बताया कि बुधवार की शाम तक हालात बिल्कुल सामान्य थे । लोग आम दिनों की भांति घूम फिर रहे थे । रेस्टोरेंट में उनके बेटे ने अपने दोस्तों के साथ खाना भी खाया था । कोई परेशानी नहीं थी । गुरुवार को सुबह से माहौल खराब हुआ है । दूतावास को बता दिया गया है । उन्होंने बताया कि डेनीप्रो शहर यूक्रेन के मिडिल में है। वहां फिलहाल तो हमलों का कोई असर नहीं है। दूतावास द्वारा छात्रों को निकालने का प्रयास किया जा रहा है। निवीत के रास्ते रोमानिया होकर निकाल रहे थे लेकिन कल वहां भी हमले हो गये । इसलिए रुकना पड़ा । शनिवार को फिर से भारतीय दूतावास द्वारा छात्रों को वहां से निकालने का प्रयास किया जाएगा । श्री बघेल ने बताया कि उनके बेटे के साथ आगरा के दो और बच्चे थे। जोकि मेडिकल का पढ़ाई कर रहे हैं। उनमें से एक तो पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष राकेश बघेल का भतीजा है। पिछले सप्ताह ही ये बच्चे आगरा लौट आए । अपने बेटे को लेकर परेशान श्री बघेल का कहना है कि उन्होंने इसकी सूचना भारत सरकार को दे दी है। वे और उनका परिवार बच्चे की सलामती के लिए ईश्वर से प्रार्थना कर रहे हैं । उन्होंने भारत सरकार से भी बच्चे की सही सलामत वतन वापसी की गुहार लगायी है ।
इस बीच 1978 से लेकर 1980 तक रूस में अध्ययन कर लौटे प्रोफेसर आर एस पाल का कहना है कि जिन दिनों हम वहां रह रहे थे । तब सोवियत संघ था । हमारे लिए घी, मक्खन अनाज सब यूक्रेन से ही आता था । रूस में बर्फ बहुत पड़ती है । इस कारण से कृषि होती नहीं है । जबकि यूक्रेन में जलवायु अच्छी होने के कारण फसल अच्छी होती है । दूध , घी, मक्खन, फल, अनाज सब कुछ होता है । जबकि रूस में केवल हथियार, पेट्रोल, स्पेस टेक्नालाजी है । खानपान की वस्तुओं के लिए उन्हें यूक्रेन आदि देशों पर निर्भर रहना पड़ता है । इसलिए भी रूस के निवासी परेशान रहते हैं । हालांकि पहले से ही काफी संख्य़ा में रूसी नागरिक यूक्रेन के निवासी हो गए हैं । इसलिए हमले में उनको भी नुकसान होगा । वहीं अमेरिका रूस से सबसे ज्यादा तेल का निर्यात करता है । इस युद्ध से उन्हें आर्थिक तंगी भी झेलनी पड़ेग