भारी विरोध के बाद ममता कुलकर्णी ने किन्नर अखाड़े के महामंडलेश्वर पद से दिया इस्तीफा, कहा- बचपन से साध्वी हूं और आगे भी रहूंगी…

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नई दिल्ली। पूर्व बॉलीवुड एक्ट्रेस ममता कुलकर्णी ने किन्नर अखाड़े में अपने महामंडलेश्वर के पद से इस्तीफा देने का ऐलान कर दिया है. उन्हें ये पद दिए जाने के बाद किन्नर अखाड़े में भारी विरोध हुआ, जिसके बाद उन्होंने ये फैसला लिया है. उन्होंने एक वीडियो जारी करते हुए इसकी घोषणा की है.

ममता कुलकर्णी पर ये आरोप लगा था कि उन्होंने 10 करोड़ रुपये देकर ये पद लिया है. इसी वजह से अखाड़े में ही उनका विरोधा शुरू हो गया था. उन्हें पद से हटाए जाने की भी बात सामने आई थी. हालांकि, अब उन्होंने खुद अपना पद छोड़ने की बात कही है.

सामने आए वीडियो में ममता कहती हैं, “मैं महामंडलेश्वर यमाई माता गिरि इस पोस्ट से इस्तीफा दे रही हूं. अखाड़े में मुझे महामंडलेश्वर घोषित करने को लेकर दिक्कतें हो रही हैं. मैं एक साध्वी थी 25 साल से और मैं साध्वी ही रहूंगी.” उन्होंने ये भी कहा कि उन्हें सम्मान दिए जाने से कुछ लोगों को आपत्ति हो रही थी.

उन्होंने कहा, “मैंने 25 साल पहले बॉलीवुड छोड़ा. फिर अपने आप गायब रही. वरना बॉलीवुड से, मेकअप से इतना दूर कौन रहता है.” कुछ समय पहले उन्होंने ऐसा भी दावा किया था कि जब उन्होंने बॉलीवुड छोड़ा तो उस समय उनके खाते में ढेरों फिल्में थीं, लेकिन उन्होंने बॉलीवुड से दूरी बना ली.

25 साल बाद लौटीं भारत

बॉलीवुड छोड़ने के बाद ममता दुबई में रह रही थीं. पिछले साल के आखिर में वो 25 सालों के बाद दुबई से भारत वापस आईं. वहीं फिर नया साल शुरू होते ही उन्होंने संन्यास लेने का ऐलान कर दिया. प्रयागराज में आयोजित महाकुंभ के दौरान उन्होंने किन्नर अखाड़े से दीक्षा ली और संन्यासी बन गईं.

महामंडलेश्वर डॉक्टर लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी द्वारा उनका पिंडदान और पट्टाभिषेक हुआ था. उन्हें महामंडलेश्वर का पद दिया गया था. हालांकि, फिर कुछ दिनों बाद ही उनका विरोध होने लगा था और अब उन्होंने इस्तीफा देने का ऐलान कर दिया.

किन्नर अखाड़े ने दी थी महामंडलेश्वर की उपाधि

ममता कुलकर्णी ने बीते दिनों प्रयागराज में महाकुंभ पहुंचकर अपना पिंडदान किया और संन्यास की दीक्षा ली थी। इसके बाद उन्हें यामाई ममता नंद गिरी का नाम दिया गया। किन्नर अखाड़े ने ममता कुलकर्णी का पट्टाभिषेक कर उन्हें महामंडलेश्वर की उपाधि दी थी। इससे वह अखाड़े की साध्वी के रूप में जानी जाने लगी थी।

साभार सहित

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