महाकुंभ में आस्था का प्रचंड समागम, मकर संक्रांति पर अमृत स्नान के लिए उमड़े श्रद्धालु, अखाड़ों ने किया सबसे पहले स्नान

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महाकुम्भ नगर। तीर्थराज प्रयागराज में जब उजाले की एक किरण तक नहीं निकली थी, हाड़ कंपा देने वाली ठंड के बीच मकर संक्रांति के पावन पर्व पर महाकुम्भ नगर में श्रद्धालुओं का जनसैलाब उमड़ पड़ा। अमृत स्नान के लिए देश-विदेश से करोड़ों लोग गंगा, यमुना और अदृश्य सरस्वती के संगम पर पहुंचे। पवित्र स्नान का यह दृश्य भारतीय संस्कृति और परंपरा की गहराई को दर्शाता नजर आ रहा था। ब्रह्म मुहूर्त में ही लोगों ने पतित पावनी गंगा और संगम तट पर आस्था की डुबकी लगाकर सुख, स्वास्थ्य और समृद्धि की कामना की।

सूर्य के मकर राशि में प्रवेश करने का महापर्व मकर संक्रांति यानी खिचड़ी मंगलवार को मनाया जा रहा है। इस मौके पर प्रयागराज महाकुंभ में पहला अमृत स्नान सुबह 6.15 बजे से शुरू हुआ। जिसके लिए हाथों में तलवार-त्रिशूल, डमरू और पूरे शरीर पर भभूत लगाए घोड़े और रथ की सवार, हर-हर महादेव का उद्घोष करते हुए नागा साधु-संत संगम पहुंच रहे हैं।

दरअसल, संस्कृति और भक्ति के मिलन स्थल महाकुंभ मेले में तीर्थयात्रियों का सैलाब अमृत स्नान के लिए उमड़ पड़ा है। महाकुंभ में पहले अमृत स्नान के लिए निर्वाणी-निरंजनी अखाड़े के संत संगम तट पर पहुंचे।

इसके बाद महाकुंभ के सबसे बड़े जूना अखाड़े के जूना अखाड़े के आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी अवधेशानंद के साथ संत संगम के लिए निकले हैं। जिनके आवाहन, अग्नि, किन्नर अखाड़े के संत साथ भी निकले हैं। सरकार की ओर से जारी डेटा के अनुसार, सुबह 10 बजे तक 1 करोड़ 38 लाख श्रद्धालु संगम में स्नान कर चुके हैं।

नागा साधुओं की भव्य शोभायात्रा देखने उमड़े श्रद्धालु

पंचायती निर्वाणी अखाड़े के नागा साधुओं ने भाला, त्रिशूल और तलवारों के साथ अपने शाही स्वरूप में अमृत स्नान किया। साधु-संत घोड़े और रथों पर सवार होकर शोभायात्रा में शामिल हुए, जिससे पूरे क्षेत्र में भक्ति और आध्यात्मिक ऊर्जा का संचार हो गया। उनके साथ चल रही भजन मंडलियों और श्रद्धालुओं के जयघोष ने माहौल को और दिव्य बना दिया।

सिर पर गठरी, बगल में झोला लेकर आधी रात से ही गंगा की तरफ दौड़ रहे थे श्रद्धालु

नागवासुकी मंदिर और संगम क्षेत्र में तड़के से ही श्रद्धालुओं का तांता लग गया। बुजुर्ग, महिलाएं और युवा, सभी अपने सिर पर गठरी लादे आस्था से भरे हुए संगम की ओर बढ़ते दिखे। स्नान के लिए श्रद्धा ऐसी थी कि लोग रात से ही गंगा के पवित्र जल में डुबकी लगाना शुरू कर चुके थे।

चप्पे-चप्पे पर सुरक्षा के कड़े प्रबंध, घुड़सवार पुलिस ने किया मार्च

महाकुम्भ नगर में श्रद्धालुओं की सुरक्षा के लिए प्रशासन ने पुख्ता इंतजाम किए। हर मार्ग पर बैरिकेडिंग लगाकर वाहनों की गहन जांच की गई। चप्पे-चप्पे पर पुलिस और सुरक्षा बलों की तैनाती से पूरा आयोजन शांतिपूर्ण और व्यवस्थित रहा। डीआईजी कुम्भ मेला वैभव कृष्ण, एसएसपी राजेश द्विवेदी समेत पुलिस टीम ने घोड़े के साथ मेला क्षेत्र में पैदल मार्च किया और अमृत स्नान जा रहे अखाड़ा साधुओं का मार्ग प्रशस्त किया।

घाटों पर गूंजे हर हर महादेव और जय श्री राम के जयघोष

12 किलोमीटर क्षेत्र में फैले स्नान घाटों पर हर हर महादेव और जय श्री राम के जयघोष सुनाई दिए। साधुओं के अमृत स्नान के साथ ही आम श्रद्धालुओं ने भी अपनी आस्था की डुबकी लगाई। संगम के आसपास गंगा स्नान के लिए श्रद्धालुओं की भारी भीड़ चारों ओर से देखी गई। इस दौरान सभी ने हर हर महादेव और जय श्री राम के नारों से संगम क्षेत्र को गुंजायमान कर दिया।


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