लखनऊ। बहुजन समाज पार्टी (बसपा) सुप्रीमो मायावती ने सोशल मीडिया पर साझा किए गए अपने बयान में देश और प्रदेश से जुड़े कई समसामयिक मामलों पर चिंता जताते हुए केंद्र व राज्य सरकारों से संवेदनशील और जिम्मेदार रुख अपनाने की अपील की है।
मायावती ने बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार द्वारा डॉक्टरों को नियुक्ति पत्र वितरण के सार्वजनिक कार्यक्रम के दौरान एक मुस्लिम महिला डॉक्टर का हिजाब (चेहरे का नक़ाब) हटाने के मामले का उल्लेख करते हुए कहा कि यह प्रकरण सुलझने के बजाय मंत्रियों और अन्य लोगों की बयानबाजी के कारण लगातार विवाद का रूप लेता जा रहा है, जो दुखद और दुर्भाग्यपूर्ण है।
उन्होंने कहा कि यह मामला महिला सुरक्षा और सम्मान से जुड़ा हुआ है, जिसे मुख्यमंत्री के सीधे हस्तक्षेप से अब तक सुलझ जाना चाहिए था। मायावती ने सुझाव दिया कि मुख्यमंत्री को इस घटना को सही परिप्रेक्ष्य में देखते हुए पश्चाताप व्यक्त कर बढ़ते विवाद को समाप्त करने का प्रयास करना चाहिए।
बसपा सुप्रीमो ने उत्तर प्रदेश के बहराइच जिले में पुलिस परेड के दौरान परंपरा और नियमों से हटकर एक कथावाचक को सलामी दिए जाने के मामले पर भी नाराज़गी जताई। उन्होंने कहा कि पुलिस परेड और सलामी की अपनी मर्यादा, अनुशासन और पवित्रता होती है, जिनसे किसी भी तरह का समझौता नहीं किया जाना चाहिए। उन्होंने यूपी पुलिस प्रमुख द्वारा मामले का संज्ञान लेकर जिला पुलिस कप्तान से जवाब तलब किए जाने को सही कदम बताया और आगे की कार्रवाई की उम्मीद जताई।
मायावती ने 19 दिसंबर से शुरू हुए उत्तर प्रदेश विधानसभा के संक्षिप्त शीतकालीन सत्र पर भी टिप्पणी करते हुए कहा कि यह सत्र जनहित और जनकल्याण के मुद्दों से दूर रहकर सत्ता और विपक्ष के बीच वाद-विवाद तक सीमित रहा। उन्होंने कहा कि सरकार को किसानों की खाद की समस्या सहित अन्य जनहित के विषयों पर गंभीरता से चर्चा करनी चाहिए थी।
इसके साथ ही, उन्होंने संसद के शीतकालीन सत्र पर भी निराशा व्यक्त करते हुए कहा कि राजधानी दिल्ली में वायु प्रदूषण जैसी गंभीर समस्याओं सहित देश की ज्वलंत चुनौतियों पर विचार किए बिना ही सत्र का समाप्त होना दुर्भाग्यपूर्ण है।
मायावती ने सोशल मीडिया के माध्यम से यह भी कहा कि पड़ोसी देश बांग्लादेश में तेजी से बिगड़ते हालात और नेपाल की तरह वहां बढ़ती भारत विरोधी गतिविधियां चिंताजनक हैं। उन्होंने केंद्र सरकार से इन मुद्दों पर दीर्घकालीन नीति के तहत गंभीरता से संज्ञान लेने की मांग की।
अपने बयान के अंत में बसपा सुप्रीमो ने कहा कि समय रहते ठोस, संवेदनशील और दूरदर्शी फैसले ही देश और जनता के हित में होंगे।
