मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस की गरिमामयी उपस्थिति में बोरीवली में ‘ऋषभायन 02’ का भव्य शुभारंभ

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मुंबई (अनिल बेदाग): जब आध्यात्मिक चेतना, सांस्कृतिक वैभव और राष्ट्रीय नेतृत्व एक मंच पर एकत्र हों, तब वह आयोजन केवल कार्यक्रम नहीं रह जाता—वह इतिहास रच देता है। बोरीवली पश्चिम स्थित कोरा केंद्र में आयोजित तीन दिवसीय भव्य आयोजन ‘ऋषभायन 02’ में ऐसा ही अनुपम दृश्य देखने को मिला, जब महाराष्ट्र के माननीय मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने उद्घाटन समारोह में सहभागिता कर आयोजन को विशेष गरिमा प्रदान की।

भगवान ऋषभदेव—मानवता के जनक और भारतीय सभ्यता के अग्रदूत—को समर्पित इस आयोजन में मुख्यमंत्री ने ऋषभायन पुस्तक का लोकार्पण करते हुए कहा कि यह ग्रंथ केवल धार्मिक दस्तावेज़ नहीं, बल्कि आधुनिक समाज के लिए भी शाश्वत जीवन मूल्यों का मार्गदर्शक है। उन्होंने उल्लेख किया कि ऋषभायन भगवान ऋषभदेव के दर्शन को कला, साहित्य और संस्कृति के माध्यम से अत्यंत सजीव व सुंदर रूप में प्रस्तुत करता है।

कार्यक्रम का शुभारंभ जैन गच्छाधिपति पूज्य यशोवर्मसूरीजी महाराज के आशीर्वचनों से हुआ। इसके पश्चात मुख्यमंत्री श्री फडणवीस ने धर्म परिषद का उद्घाटन किया, जहाँ विविध संप्रदायों के संतों और आध्यात्मिक गुरुओं ने राजा ऋषभदेव के जीवन, त्याग, तप और दर्शन पर गहन विचार साझा किए। परिषद में जैन, वैदिक, सिख सहित अन्य धर्मों के संतों की एकजुटता भारतीय संस्कृति की सर्वधर्म समभाव परंपरा को जीवंत करती नज़र आई।

पूज्य कोठारी श्री धर्मानंद स्वामी महाराज, डंडी स्वामी जितेंद्र सरस्वती महाराज, महंत दयालपुरी महाराज, शांतिगिरि महाराज, गुरु माउली डिंडोरी सहित अनेक संतों की उपस्थिति ने आयोजन को आध्यात्मिक ऊँचाइयों तक पहुँचाया। आचार्य नयन पद्मसागर महाराज, आचार्य लोकेश मुनिजी महाराज, ज्ञानी श्री रामसिंहजी राठौड़, स्वामी भारतानंद जी, महामंडलेश्वर श्री राजेंद्र नामगिरीजी महाराज तथा स्वामीनारायण संप्रदाय के संतों की सहभागिता ने इस मंच को सर्वधर्म संवाद का सशक्त प्रतीक बनाया।

मुख्यमंत्री ने सभी संतों से आशीर्वाद प्राप्त किया और जैन आचार्यों द्वारा उनका भावपूर्ण सत्कार किया गया। इस अवसर पर महाराष्ट्र सरकार के मंत्री श्री मंगल प्रभात लोढ़ा, विधायक श्री संजय उपाध्याय, श्रीमती मनीषा ताई चौधरी, श्री गोपाल शेट्टी सहित अनेक गणमान्य अतिथि उपस्थित रहे।

इस भव्य आयोजन को साकार करने में लब्धि विक्रम जनसेवा ट्रस्ट के मैनेजिंग ट्रस्टी श्री किरीटभाई दोशी, श्री प्रवीणभाई जैन और श्री कृष्णा राणा की महत्वपूर्ण भूमिका रही। मल्टीग्राफिक्स के श्री मुकेशभाई जैन तथा समाजसेवक श्री सुनील लोढ़ा के योगदान को भी विशेष रूप से सराहा गया।

‘ऋषभायन 02’ की एक और उल्लेखनीय उपलब्धि 1,111 ग्रंथों का ऐतिहासिक लोकार्पण रहा, जिसे मुंबई जैन संघ संगठन एवं देशभर के जैन संघों के प्रतिनिधियों ने सम्पन्न किया। साथ ही सर्वधर्म समूह द्वारा आयोजित ऐतिहासिक एवं धार्मिक प्रदर्शनी का मुख्यमंत्री ने उद्घाटन कर अवलोकन किया और कहा कि ऐसे प्रयास नई पीढ़ी को भारत की सभ्यतागत जड़ों से जोड़ने में अत्यंत सहायक हैं।

कोरा केंद्र मैदान क्रमांक-4 में जारी यह तीन दिवसीय आयोजन आगामी दिनों में और भी विशिष्ट अतिथियों, संतों तथा राष्ट्रीय नेताओं की उपस्थिति के साथ अपनी आध्यात्मिक ऊर्जा का विस्तार करेगा। कार्यक्रम का संचालन पुण्य श्राविका सुश्री सेजल बेन ने गरिमा और भक्तिभाव के साथ किया, जिसने पूरे आयोजन को भावनात्मक लय प्रदान की।

‘ऋषभायन 02’ केवल एक आयोजन नहीं, बल्कि वह सेतु है—जो प्राचीन मूल्यों को आधुनिक चेतना से जोड़ता है।

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