आगरा। शास्त्रीय संगीत की समृद्ध विरासत और युवा प्रतिभाओं के उत्साह का अद्भुत संगम उस समय देखने को मिला, जब जानकी संगीत संस्थान ट्रस्ट द्वारा आयोजित तीन दिवसीय अखिल भारतीय गायन, वादन एवं नृत्य प्रतियोगिता का भव्य शुभारम्भ बोदला रोड स्थित मंगलम बैंकेट हॉल में हुआ।
कार्यक्रम का उद्घाटन मुख्य अतिथि अरुण डंग, विशिष्ट अतिथि कर्नल कुंजरू, हरीश भदौरिया, सुभाष सक्सेना, सुशील सरित तथा कार्यक्रम की अध्यक्ष प्रो. डॉ. आन्शवना सक्सेना ने मां सरस्वती के समक्ष दीप प्रज्वलित कर किया।
इस अवसर पर संगीत प्रेमी अरुण डंग ने कहा कि भागदौड़ भरे आधुनिक जीवन में बच्चों और युवाओं को शास्त्रीय संगीत से जोड़ने वाले ऐसे आयोजन आगरा घराने की परंपरा को जीवंत बनाए रखने में अहम भूमिका निभाते हैं। उन्होंने लगभग 300 प्रतिभागियों को तीन दिनों तक मंच उपलब्ध कराने को संस्थान की बड़ी उपलब्धि बताया।
अध्यक्ष प्रो. डॉ. आन्शवना सक्सेना ने जानकारी दी कि आगरा कल्चरल एसोसिएशन के सहयोग से प्रतियोगिताएं चार वर्गों में आयोजित की गईं। शास्त्रीय गायन के बाल वर्ग में हिमांशु ने प्रथम, रौनक बोधवानी व दिव्यांका ने द्वितीय और शिवांश ध्याना ने तृतीय स्थान प्राप्त किया। किशोर वर्ग में साहिल प्रथम, अथर्व द्वितीय तथा विशेष व हर्षित तृतीय स्थान पर रहे। युवा वर्ग में खुशी प्रथम और गुरशीन कौर द्वितीय रहीं, जबकि ज्येष्ठ वर्ग में सोहिनी ने प्रथम और अनीता त्यागी ने द्वितीय स्थान हासिल किया।
सचिव लवेश अग्रवाल ने बताया कि सुगम गायन प्रतियोगिता के बाल वर्ग में शिवांश प्रथम, आरोही व रौनक द्वितीय तथा आराध्या तिवारी, पीहू अग्रवाल व रौनक बोधवानी तृतीय स्थान पर रहे। किशोर वर्ग में पलक विश्वकर्मा प्रथम, अथर्व गिरी द्वितीय और निधि सिंह तृतीय रहीं। युवा वर्ग में रिया चौहान प्रथम, संभव जैन व खुशी द्वितीय और राहुल तृतीय स्थान पर रहे, जबकि ज्येष्ठ वर्ग में अमनदीप सोनी प्रथम और दिशा गर्ग द्वितीय रहीं।
पहले दिन गायन प्रतियोगिताओं में लगभग 300 बच्चों ने भाग लेकर सुरों की साधना और अपनी कला का उत्कृष्ट प्रदर्शन किया। प्रतियोगिता का संचालन सुशील सरित एवं आर.पी. सक्सेना ने किया, जबकि धन्यवाद ज्ञापन नितेश सिंह ने प्रस्तुत किया। निर्णायक मंडल में डॉ. संजय सिंह, डॉ. रूपाली गोखले, डॉ. आरती सिंह, डॉ. अमिता त्रिपाठी, सुभाष सक्सेना, धन्वंतरि पाराशर एवं डॉ. शैलजा मिश्रा शामिल रहीं।
संगीत महोत्सव के दूसरे दिन वादन प्रतियोगिता आयोजित की जाएगी, जिसमें तबला, ड्रम, हारमोनियम, सितार, बांसुरी, गिटार, कांगो, वायलिन, सिंथेसाइज़र और पखावज जैसे वाद्य यंत्रों पर शास्त्रीय और हिंदी फिल्म संगीत की प्रस्तुतियां होंगी। प्रतियोगिता के समापन पर विजेता प्रतिभागियों को पुरस्कार देकर सम्मानित किया जाएगा।
