लखनऊ। समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने आरोप लगाया कि उत्तर प्रदेश सरकार जनता से जुड़े अहम मुद्दों से बचना चाहती है, इसलिए जानबूझकर गैर-जरूरी विषयों को आगे बढ़ाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि वंदे मातरम पर चर्चा कराना इसी रणनीति का हिस्सा है, जबकि इस विषय पर लोकसभा में पहले ही चर्चा हो चुकी है। अखिलेश यादव बृहस्पतिवार को सपा मुख्यालय में आयोजित प्रेस वार्ता में मीडिया को संबोधित कर रहे थे।
अखिलेश यादव ने कहा कि भाजपा की विचारधारा से जुड़े लोगों ने आजादी से पहले और बाद में कभी वंदे मातरम नहीं गाया, लेकिन अब जनता के असली सवालों से ध्यान भटकाने के लिए इसी मुद्दे को उछाला जा रहा है। उन्होंने कहा कि सरकार महंगाई, बेरोजगारी, प्रदूषण और विकास जैसे विषयों पर बात करने से बच रही है।
प्रदूषण का मुद्दा उठाते हुए सपा अध्यक्ष ने कहा कि लखनऊ में खराब वायु गुणवत्ता के चलते भारत-दक्षिण अफ्रीका क्रिकेट मैच रद्द करना पड़ा, लेकिन सरकार के लोग दावा कर रहे हैं कि वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) ठीक था। उन्होंने सवाल उठाया कि सरकार ये आंकड़े कहां से लेकर आ रही है। साथ ही आरोप लगाया कि प्रदूषण पर चर्चा न हो, इसलिए सरकार स्वतंत्र एजेंसियों के आंकड़ों पर भी सवाल खड़े कर रही है।
अखिलेश यादव ने पर्यावरण को लेकर भाजपा पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि सबसे ज्यादा पेड़ भाजपा सरकारों में कटवाए गए हैं। छत्तीसगढ़ में पूरे के पूरे जंगल समाप्त कर दिए गए, अब अरावली की पहाड़ियों को खत्म करने की तैयारी है। सोनभद्र में खनन के नाम पर 500 फीट तक गहरे गड्ढे कर दिए गए हैं, लेकिन सरकार इन मुद्दों पर चुप्पी साधे हुए है।
नीतीश के साथ हेल्पर की जरूरत
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार द्वारा एक युवती का हिजाब हटाने की कथित घटना पर प्रतिक्रिया देते हुए अखिलेश यादव ने कहा कि इस उम्र में उनके साथ किसी हेल्पर की जरूरत है। उन्होंने कहा कि किसी भी समुदाय की भावनाओं को आहत नहीं किया जाना चाहिए और इस तरह की घटनाएं किसी के साथ भी नहीं होनी चाहिए।
एसआईआर पर भी उठाए सवाल
अखिलेश यादव ने विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) को लेकर भी भाजपा पर निशाना साधा। उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा चुनाव आयोग की मदद से एसआईआर करवा रही है, ताकि विपक्ष के वोट काटे जा सकें। उन्होंने कहा कि यह लोकतंत्र को कमजोर करने की साजिश है और समाजवादी पार्टी इसका विरोध करती रहेगी।
