मनरेगा में बदलाव पर सियासी संग्राम: राहुल गांधी बोले- ग्रामीणों का सुरक्षा कवच तोड़ रही है मोदी सरकार

Politics

नई दिल्ली। लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने मनरेगा को लेकर केंद्र सरकार पर बड़ा हमला बोला है। सोशल मीडिया पर जारी अपने बयान में राहुल गांधी ने आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को महात्मा गांधी के विचारों और गरीबों के अधिकारों से “पक्की नफ़रत” है, और इसी वजह से मनरेगा जैसी जनकल्याणकारी योजना को खत्म करने की कोशिश की जा रही है।

राहुल गांधी ने कहा कि मनरेगा महात्मा गांधी के ग्राम-स्वराज के सपने का जीवंत रूप है, जिसने करोड़ों ग्रामीण परिवारों को रोज़गार का अधिकार दिया। उन्होंने याद दिलाया कि कोविड-19 के कठिन दौर में यही योजना ग्रामीण गरीबों के लिए आर्थिक सुरक्षा कवच साबित हुई थी।

उन्होंने आरोप लगाया कि बीते दस वर्षों से मोदी सरकार लगातार मनरेगा को कमजोर करने में लगी रही है और अब उसका नामो-निशान मिटाने की तैयारी की जा रही है। राहुल गांधी ने कहा कि मनरेगा की नींव तीन मूल सिद्धांतों पर टिकी थी—काम मांगने पर रोज़गार की गारंटी, गांवों को अपने विकास कार्य तय करने की स्वतंत्रता और मजदूरी का पूरा खर्च केंद्र सरकार द्वारा वहन करना।

राहुल गांधी के मुताबिक, प्रस्तावित नए कानून में इन मूल सिद्धांतों को खत्म कर सारी ताकत केंद्र सरकार के हाथों में समेटने की कोशिश की जा रही है। उन्होंने कहा कि नए प्रावधानों के तहत बजट, योजनाएं और नियम केंद्र तय करेगा, राज्यों को 40 प्रतिशत खर्च उठाने के लिए मजबूर किया जाएगा और बजट समाप्त होते ही या फसल कटाई के मौसम में दो महीने तक ग्रामीणों को काम नहीं मिलेगा।

कांग्रेस नेता ने इस कदम को महात्मा गांधी के आदर्शों का अपमान बताते हुए कहा कि पहले ही देश में बेरोज़गारी ने युवाओं का भविष्य अंधकारमय कर दिया है और अब यह नया बिल ग्रामीण गरीबों की सुरक्षित रोज़ी-रोटी पर सीधा हमला है।

राहुल गांधी ने ऐलान किया कि कांग्रेस इस “जनविरोधी” बिल के खिलाफ गांव-गांव से लेकर संसद तक विरोध करेगी और गरीबों के अधिकारों की लड़ाई पूरी ताकत से लड़ी जाएगी।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *