आगरा। आगरा से रिश्तों और सामाजिक दबाव की भयावह तस्वीर सामने आई है। थाना मलपुरा क्षेत्र के विनायक गार्डन निवासी रिटायर्ड दरोगा रणवीर सिंह (65) पर अपनी ही 33 वर्षीय बेटी अंशु यादव की गला दबाकर हत्या करने का गंभीर आरोप लगा है। बताया जा रहा है कि अंशु अपने ही रिश्ते में लगने वाले भतीजे से प्रेम करती थी और उसी से शादी की जिद पर अड़ी थी, जिससे पिता नाराज़ था।
पुलिस जांच में सामने आया है कि हत्या के बाद रणवीर सिंह ने पत्नी के साथ मिलकर बेटी के शव को कार में रखा और इटावा के जसवंतनगर स्थित अपनी ससुराल पहुंचा। वहां से साले के बेटे को साथ लेकर इकदिल थाना क्षेत्र के कानपुर–ग्वालियर बाईपास के पास यमुना नदी में शव फेंक दिया गया। हालांकि शव नदी में बहने के बजाय झाड़ियों में फंस गया।
घटना को छुपाने के लिए आरोपी पिता ने 30 अक्टूबर को खुद ही बेटी की गुमशुदगी दर्ज कराई और पुलिस को बताया कि अंशु घर से कहीं चली गई है। इसके बाद कई हफ्तों तक आगरा पुलिस युवती की तलाश करती रही। इसी दौरान जांच में संदेह पिता पर गहराता चला गया। संदेह की अहम वजह वह वीडियो बना, जो अंशु ने लापता होने से पहले रिकॉर्ड किया था, जिसमें उसने आशंका जताई थी कि उसके माता-पिता उसकी हत्या कर सकते हैं।
इस वीडियो, सर्विलांस और अन्य साक्ष्यों के आधार पर पुलिस ने रणवीर सिंह को हिरासत में लेकर पूछताछ की। सख्ती से पूछताछ करने पर रविवार को आरोपी की निशानदेही पर इटावा पुलिस, आगरा पुलिस और एसडीआरएफ की संयुक्त टीम ने यमुना नदी किनारे से युवती का कंकाल बरामद किया। कंकाल को कब्जे में लेकर डीएनए जांच के लिए भेज दिया गया है, ताकि मृतका की पहचान की औपचारिक पुष्टि हो सके।
पुलिस सूत्रों के अनुसार अंशु के प्रेम संबंध को परिवार इसलिए भी स्वीकार नहीं कर पा रहा था, क्योंकि घर में अन्य छोटे भाई-बहनों की शादियां होनी थीं और इस रिश्ते को परिवार की ‘इज्जत’ पर दाग माना जा रहा था। इसी सामाजिक दबाव और डर ने कथित तौर पर एक पिता को अपनी ही बेटी का हत्यारा बना दिया।
मलपुरा थाना प्रभारी विनोद मिश्रा के अनुसार 14 दिसंबर को युवती के प्रेमी अनुराग यादव ने सीधे तौर पर माता-पिता पर हत्या का आरोप लगाया था, जिसके बाद जांच की दिशा और तेज की गई। फिलहाल पुलिस ने मामले का आधिकारिक खुलासा नहीं किया है। यमुना से बरामद कंकाल की डीएनए रिपोर्ट आने के बाद ही पूरे मामले का खुलासा किया जाएगा।
