नई दिल्ली। चुनाव रणनीतिकार और जनसुराज के संस्थापक प्रशांत किशोर एक बार फिर सियासी गलियारों में चर्चा का केंद्र बन गए हैं। बिहार विधानसभा चुनाव में अपेक्षित सफलता न मिलने के बाद अब उनकी कांग्रेस से नजदीकियों को लेकर अटकलें तेज हो गई हैं। सूत्रों के अनुसार हाल ही में प्रशांत किशोर और कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा के बीच एक बंद कमरे में करीब दो घंटे तक बैठक हुई। इस दौरान उत्तर प्रदेश और बिहार समेत उत्तर भारत के मौजूदा राजनीतिक हालात पर विस्तार से बातचीत हुई।
इस मुलाकात को लेकर जब संसद के शीतकालीन सत्र के दौरान प्रियंका गांधी से सवाल किया गया तो उन्होंने इसे हल्के अंदाज में टाल दिया। मीडिया से बातचीत में उन्होंने कहा, “ये भी कोई खबर है? आप लोग ये क्यों नहीं पूछते कि सरकार खुद सदन की कार्यवाही में बाधा क्यों डाल रही है?” प्रियंका गांधी ने आरोप लगाया कि सत्ता पक्ष नहीं चाहता कि संसद सुचारू रूप से चले।
कांग्रेस रैली में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ लगाए गए नारों को लेकर उठे विवाद पर भी प्रियंका गांधी ने प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा कि मंच से इस तरह का कोई नारा नहीं लगाया गया। बाद में पता चला कि भीड़ में किसी ने कुछ कहा होगा, लेकिन यह स्पष्ट नहीं है कि वह कार्यकर्ता था या नहीं। इसके बावजूद इस मुद्दे को सदन में उठाया जाना यह दर्शाता है कि सत्ता पक्ष बहाने बनाकर सदन की कार्यवाही से बचना चाहता है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस प्रदूषण जैसे गंभीर मुद्दे पर चर्चा की मांग कर रही थी, लेकिन सरकार उस पर भी चर्चा नहीं होने दे रही।
हालांकि कांग्रेस और प्रशांत किशोर, दोनों की ओर से इस मुलाकात को शिष्टाचार भेंट बताया गया है और किसी राजनीतिक गठजोड़ की बात से इनकार किया गया है, लेकिन राजनीतिक दृष्टि से यह बैठक बेहद अहम मानी जा रही है। आने वाले दिनों में इसके मायने और संकेत और स्पष्ट हो सकते हैं।
