आश्रय गृह को बना लिया था स्थायी निवास, निगम ने कराया खाली

Press Release उत्तर प्रदेश

 

नगर निगम के नोटिस की अनदेखी पड़ी भारी, जीवनी मंडी आश्रय स्थल से परिवार समेत हटाया गया व्यक्ति

आगरा। नगर निगम द्वारा जीवनी मंडी क्षेत्र में संचालित आश्रय गृह को एक व्यक्ति द्वारा स्थायी निवास के रूप में इस्तेमाल किए जाने का मामला सामने आने पर निगम प्रशासन ने सख्त रुख अपनाते हुए सोमवार को पुलिस की मदद से आश्रय स्थल को खाली करा दिया।

जीवनी मंडी का ही रहने वाले मुरारी लाल पुत्र करण सिंह, जो लगभग एक वर्ष से अपने परिवार के साथ उक्त आश्रय गृह में रह रहा था, को बरसात के दौरान मकान गिर जाने के बाद मानवीय आधार पर नगर निगम द्वारा अस्थायी रूप से यहां रहने की अनुमति दी गई थी। निगम प्रशासन की ओर से स्पष्ट किया गया था कि नया मकान बनने तक ही उसे आश्रय गृह में रहने की सुविधा दी जा रही है।

लेकिन निर्धारित अवधि बीत जाने के बाद भी संबंधित व्यक्ति ने आश्रय स्थल को स्थायी ठिकाने के रूप में उपयोग करना शुरू कर दिया। इस संबंध में नगर निगम प्रशासन द्वारा कई बार नोटिस जारी कर आश्रय स्थल को खाली करने के निर्देश दिए गए, लेकिन संबंधित व्यक्ति ने नोटिस का कोई संज्ञान नहीं लिया।
लगातार चेतावनी के बावजूद आश्रय स्थल खाली न किए जाने पर नगर निगम ने कार्रवाई का निर्णय लिया। सोमवार को जोनल अधिकारी अवधेश कुमार के नेतृत्व में निगम की टीम पुलिस बल के साथ मौके पर पहुंची और आश्रय स्थल को खाली कराया गया। कार्रवाई के दौरान मुरारी लाल द्वारा विरोध किया गया और काफी हंगामा भी किया गया, लेकिन प्रशासन की सख्ती के आगे उसके मंसूबे सफल नहीं हो सके। अंततः आश्रय गृह को अवैध कब्जे से मुक्त करा लिया गया।
नगर निगम अधिकारियों का कहना है कि आश्रय गृह जरूरतमंद और असहाय लोगों के लिए अस्थायी सुविधा के रूप में संचालित किए जाते हैं, न कि किसी के स्थायी निवास के लिए। नियमों का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ आगे भी इसी तरह की कार्रवाई जारी रहेगी।

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