आगरा। शहर के प्रख्यात पर्यावरणविद और ‘ट्री मैन’ के नाम से विख्यात त्रिमोहन मिश्रा ने यमुना तट से सामाजिक व्यवस्था पर तीखा प्रहार करते हुए कहा कि मौजूदा दौर का तथाकथित विकास वास्तव में “लालची व्यापार” बनकर रह गया है। 14 दिसंबर 2025 को सुबह 8 बजे से 11:30 बजे तक यमुना आरती प्वाइंट पर चलाए गए जन-जागरूकता अभियान के दौरान उन्होंने पर्यावरण संरक्षण के नाम पर हो रही कटाई, शिक्षा के बढ़ते व्यवसायीकरण और समाज में बढ़ते दिखावे पर गंभीर सवाल खड़े किए।
महंगी होती शिक्षा पर सवाल
त्रिमोहन मिश्रा ने शिक्षा के व्यवसायीकरण पर गहरी चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि समझ को जानबूझकर महंगा किया जा रहा है, ताकि आम आदमी सवाल न उठा सके। उन्होंने कहा, “समझ महंगी कर दी गई है, ताकि कोई सवाल न करे। शिक्षा के द्वार सिर्फ धनी वर्ग के लिए क्यों खुले रहें?” उनका आरोप था कि ज्ञान को सीमित वर्ग तक सीमित किया जा रहा है, जिससे सामाजिक असमानता और बढ़ रही है। उन्होंने सोशल मीडिया संस्कृति पर भी कटाक्ष करते हुए कहा कि वहां सब कुछ ‘असली’ दिखता है, लेकिन ज़मीनी स्तर पर ठोस बदलाव नदारद है।
पर्यावरण के नाम पर ‘हरा-भरा लालच’
पर्यावरण संरक्षण के नाम पर हो रही गतिविधियों पर सवाल उठाते हुए मिश्रा ने कहा कि यह विकास नहीं, बल्कि लालच से प्रेरित व्यापार है। उन्होंने कहा कि पेड़ों की ‘छंटाई’ के नाम पर अंधाधुंध कटाई की जा रही है और पशु-पक्षियों को दोषी ठहराया जा रहा है, जबकि प्रकृति विनाश का असली जिम्मेदार इंसान है। उन्होंने स्पष्ट शब्दों में कहा, “यह लालची व्यापार हरियाली खाकर अब नींद बेच रहा है।”
अभियान के उद्देश्य
इस जन-जागरूकता अभियान का उद्देश्य केवल पर्यावरण संरक्षण तक सीमित नहीं रहा। इसमें मुफ्त और समान शिक्षा की मांग, जीव-जंतुओं पर हो रहे अत्याचारों को रोकने और समाज में बढ़ते दिखावे के खिलाफ जागरूकता फैलाने पर जोर दिया गया। मिश्रा ने लोगों से अपील की कि वे विकास और प्रचार के बीच फर्क समझें और प्रकृति तथा समाज दोनों के प्रति अपनी जिम्मेदारी निभाएं।
प्रकृति प्रेमियों की सहभागिता
अभियान के दौरान त्रिमोहन मिश्रा के साथ पंकज शर्मा, गणेश शर्मा, निखिल दत्त सहित कई प्रकृति प्रेमी मौजूद रहे। सभी ने एक स्वर में पर्यावरण, शिक्षा और सामाजिक चेतना के मुद्दों पर गंभीर संवाद की आवश्यकता पर बल दिया।
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