आगरा। वर्डेंट एकर्स में हॊर्टीकल्चर क्लब आगरा की चार दिवसीय बोगनविलिया प्रदर्शनी किसी जीवंत कला दीर्घा की तरह चमक उठी। सुबह से शाम तक रंगों की बहार देखने को मिल रही है। 111 प्रकार और 1000 से अधिक स्पीशीज़ के साथ यह प्रदर्शनी आगरा की सजावटी विरासत को नई पहचान दे रही है और शहर को बोगनविलिया सिटी घोषित कराने की पहल को मजबूती दे रही है।
एक ही पौधे पर 10 रंग—नज़रें थम जाती हैं
प्रदर्शनी की सबसे बड़ी खासियत मल्टीग्राफ्ट तकनीक से तैयार लगभग 50 पौधे हैं, जिनमें एक ही बोगनविलिया पर 5 से 10 रंगों के फूल खिले हैं। यह नज़ारा लोगों के लिए बेहद आकर्षक है। कुल मिलाकर प्रदर्शनी में 111 वैराइटी और हजारों रंग-बिरंगे पौधे आगरा की बागवानी कला का अनोखा प्रदर्शन कर रहे हैं।
उद्घाटन और विशेषज्ञों की राय
प्रदर्शनी का उद्घाटन आगरा विवि के इंस्टीट्यूट ऑफ रूरल डेवलपमेंट के पूर्व निदेशक प्रो. वेद प्रकाश त्रिपाठी और आरबीएस कॉलेज वनस्पति विज्ञान विभाग के पूर्व अध्यक्ष डॉ. आरकेएस राठौर ने किया। डॉ. राठौर ने इसे बैंगलोर की लालबाग नर्सरी के बाद देश के श्रेष्ठ बोगनविलिया कलेक्शनों में से एक बताया।
प्रो. वेद प्रकाश का कहना था कि ऐसी प्रदर्शनियां पर्यावरण जागरूकता और पौधरोपण के प्रति रुचि बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं।
अल्पमरुस्थलीय आगरा के लिए लाभदायक पौधा
प्रदर्शनी में सबसे ज्यादा स्पीशीज़ प्रस्तुत करने वाले मुकुल पंड्या ने बताया कि बोगनविलिया आगरा की जलवायु के लिए बेहद उपयुक्त है। यह कम पानी में भी आसानी से बढ़ जाता है और कांटेदार होने के कारण पशुओं से सुरक्षित रहता है।
उनके अनुसार, आगरा में सार्वजनिक स्थानों, सड़कों और डिवाइडरों पर बोगनविलिया लगाने से शहर की सुंदरता बढ़ेगी और हरियाली भी मजबूत होगी।
क्लब का लक्ष्य—बोगनविलिया सिटी आगरा
क्लब की संस्थापक अध्यक्ष लवली कथूरिया ने कहा कि बोगनविलिया शहर की पहचान बन सकता है। क्लब आगरा को बोगनविलिया सिटी घोषित कराने की दिशा में काम कर रहा है।
प्रदर्शनी स्थल पर शीशे की दीवारों वाला कैफे, सिटिंग एरिया और हरियाली से घिरा वातावरण लोगों को आकर्षित कर रहा है।
इनकी रही मौजूदगी
डॉ. अमिता त्रिपाठी, डेज़ी गुलज़ार, रेनू भगत, कंचन आहूजा, रश्मि मित्तल, रामकुमार अग्रवाल, निकी चौपड़ा, विभा गुप्ता, दिव्या गोयल, रविंद्र श्रीवास्तव, वंदना खंडेलवाल, डॉली मदान, अनीता मुंजाल, तनु फरसैया, रीटा विज सहित कई गणमान्य लोग प्रदर्शनी का अवलोकन करने पहुंचे।
प्रतियोगिता के नतीजे घोषित
चार दिवसीय प्रदर्शनी में हुए प्रतियोगिता परिणामों में विभा गुप्ता प्रथम, कंचन आहूजा द्वितीय और रश्मि मित्तल तृतीय रहीं। सभी विजेताओं को जनवरी में होने वाले क्लब के वार्षिकोत्सव में सम्मानित किया जाएगा। प्रदर्शनी प्रतिदिन सुबह 9 बजे से शाम 5 बजे तक आम जनता के लिए खुली है।
दक्षिण अमेरिका से आगरा तक की यात्रा
मुकुल पंड्या बताते हैं कि बोगनविलिया मूल रूप से दक्षिण अमेरिका, ब्राजील, कोलम्बिया और पेरू का पौधा है। इसका पहला पौधा 1860 में कलकत्ता पहुंचा। आज भारत में कटिंग, गुट्टी और टिशू कल्चर से इसकी लगभग 300 किस्में विकसित हो चुकी हैं।
हॊर्टीकल्चर क्लब आगरा पिछले पांच वर्षों से इस प्रदर्शनी का नियमित आयोजन कर रहा है। 2024 में क्लब ने उद्यान विभाग के सहयोग से शाहजहां गार्डन में बोगनविलिया वाटिका भी विकसित कराई थी।
